हलासन कब करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंसावधानी: रीढ़ संबंधी गंभीर रोग अथवा गले में कोई गंभीर रोग होने की स्थिति में यह आसन न करें। आसन करते वक्त ध्यान रहे कि पैर तने हुए तथा घुटने सीधे रहें। स्त्रियों को यह आसन योग शिक्षक की सलाह पर ही करना चाहिए। आसन लाभ : हलासन से हमारी रीढ़ सदा जवान बनी रहती है।
कब्ज के लिए प्राणायाम?
कब्ज की समस्या से परेशान लोगों को योगासन का अभ्यास करना चाहिए। कुछ योगासन खासतौर पर कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- अधोमुख शवासन:
- मत्स्येंद्र आसन:
- पवनमुक्तासन:
- अनजनेयासन:
- बालासन:
- उत्तनासन:
- सुप्त मत्स्येन्द्रासन:
बटरफ्लाई योगा करने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंतितली आसन को अंग्रेजी में बटरफ्लाई पोज कहा जाता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है. यह आपके पेट और एब्डोमेन में होने वाले दर्द हो मिटाता है. यही नहीं, आपके हिप्स, थाइस और पेल्विक एरिया की एक्सरसाइज हो जाती है, जिससे डिलीवरी आसानी से होती है.
तितली आसन से क्या फायदा है?
तितली आसन के फायदे | Butterfly Yoga Benefits in Hindi | Titli Asana Benefits in Hindi
- तनाव व चिंता दूर करने में लाभप्रद
- कमर दर्द में फायदेमंद
- प्रजनन अंगों को फायदा होता हैं
- मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी
- गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
हलासन करने से क्या लाभ होता है?
हलासन के फायदे – Halasana ke fayde
- दिमाग़ को शांत करता है।
- पेट के अंगों और थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
- कंधो और रीढ़ की हड्डी में खिचाव पैदा करता है।
- तनाव और थकान कम कर देता है। (और पढ़ें – थकान मिटाने के उपाय)
- कमर दर्द, सिर दर्द, बांझपन, अनिद्रा, साइनस के लिए चिकित्सीय। (और पढ़ें – सिर दर्द के घरेलू उपाय)
हलासन कितनी बार करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंइस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें। आइए हलासन के फायदे जानते हैं। इस योग को करने से कब्ज, बदहज़मी और पेट संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही पाचन क्रिया भी मजबूत होती है।
पेट साफ करने के लिए कौन सा आसन करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंरस्सी कूदने से भी आपका पाचन तंत्र और पेट की मसल्स मजबूत बनती हैं. कब्ज से राहत पाने के लिए साइकिलिंग भी बेहतरीन एक्सरसाइज है. यह पेट के साथ पैरों और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है.