मैं क्यों लिखता हूं इसके कवि कौन है?

मैं क्यों लिखता हूं इसके कवि कौन है?

इसे सुनेंरोकेंमैं क्यों लिखता हूं के लेखक में कृतिकार के स्वभाव और अनुशासन दोनों का ही महत्व दिखा रहा है। लेखक अज्ञेय ने प्रत्यक्ष अनुभव और अनुभूति में अंतर बताते हुए कहा है कि अनुभव तो घटित का होता है, पर अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उसे सत्य को मिला लेता है जो कृतिकार के साथ घटित नहीं हुआ है।

मैं क्यों लिखता हूं क्या आधार पर बताइए कि लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (क) लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है। (ख) किसी रचनाकार को उसकी आंतरिक विवशता रचना करने के लिए प्रेरित करती है।

मैं क्यों लिखता हूं प्रश्न उत्तर?

इसे सुनेंरोकेंकभी-कभी कवि के मन में ऐसी अनुभूति जाग उठती है कि वह उसे अभिव्यक्त करने के लिए व्याकुल हो उठता है। कभी-कभी वह संपादकों के आग्रह से, प्रकाशक के तकाजों से तथा आर्थिक लाभ के लिए भी लिखता है। परंतु दूसरा कारण उसके लिए जरूरी नहीं है। पहला कारण अर्थात् मन की व्याकुलता ही उसके लेखन का मूल कारण बनती है।

हिरोशिमा के कवि कौन है?

इसे सुनेंरोकें’अज्ञेय’ जी की ‘हिरोशिमा’ यह कविता ‘अरी ओ करूणा प्रभामय’ (1959) काव्य संग्रह में संकलित है । प्रस्तुत कविता में द्वितीय महायुद्ध के समय में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी जैसे प्रमुख शहरों पर फेंके गए परमाणु बम से फैली भीषणता एवं भयावहता का वर्णन किया है ।

लेखक आगे ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भुगतान कब और किस तरह महसूस किया?

इसे सुनेंरोकेंलेखक ने अपनी जापान यात्रा के दौरान हिरोशिमा का दौरा किया था। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को हिला कर रख दिया। उसे प्रतीत हुआ मानो किसी ने उसे थप्पड़ मारा हो और उसके भीतर उस विस्फोट का भयानक दृश्य प्रज्वलित हो गया। उसे जान पड़ा मानो वह स्वयं हिरोशिमा बम का उपभोक्ता बन गया हो।

हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 6. हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत : व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं? उत्तर : लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था।

मैं क्यों लिखता हूँ कहानी का सारांश?

इसे सुनेंरोकें’मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ में लेखक ने अपने लिखने के कारणों के साथ-साथ एक लेखक के प्रेरणा-स्रोतों पर भी प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार लिखे बिना लिखने के कारणों को नहीं जाना जा सकता। वह अपनी आंतरिक व्याकुलता से मुक्ति पाने तथा तटस्थ होकर उसे देखने और पहचानने के लिए लिखता है।