नादान दोस्त ऩाठ के रेखक कौन हैं?

नादान दोस्त ऩाठ के रेखक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा।

नादान दोस्त पाठ के लेखक का क्या नाम है * 1 Point?

इसे सुनेंरोकेंलेखक का नाम-प्रेमचंद। चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे? Answer: चिड़िया ने अंडे केशव के घर कार्निस के ऊपर दिए थे।

केशव और श्यामा की नादानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंयह कहानी हमें सीख देती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि जो आप कर रहे हैं, वह सही है या नहीं। केशव और श्यामा ने चिड़िया के बच्चों के लिए जो भी किया था यदि वे अपने माता-पिता से एक बार पूछ लेते, तो शायद वे उन बच्चों को अपने सामने देख पाते।

केशव और श्यामा के सवालों का जवाब कौन नहीं देता था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- केशव और श्यामा दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे क्योंकि उनके प्रश्नों का उत्तर देनेवाला कोई नहीं था। न अम्मा को घर के काम-धंधों से फ़ुरसत थी न बाबू जी को पढने-लिखने से।

चाँद से थोड़ी सी गप्पें पाठ के आधार पर चाँद से गप्पें कौन लड़ा रहा है?

इसे सुनेंरोकेंपूर्णिमा चाँद पूरी तरह गोल नजर आता है। अष्टमी से पूर्णिमा के बीच चाँद तिरछा नजर आता है। प्रथमा से अष्टमी के बीच चाँद बहुत पतला नजर आता है। मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होगी।

झाँसी की रानी पाठ में भारत को बूढ़ा क्यों कहा गया है?

इसे सुनेंरोकेंकवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान ने भारत को ‘बूढ़ा इसलिए कहा क्योंकि तब भारत की दशा बहुत शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। भारत लंबे समय से अंग्रेजों की गुलामी से हर तरह से कमज़ोर हो रहा था। ‘नई जवानी’ आने की बात कहकर कवयित्री यह बताना चाहती थी कि अपनी खोई हुई आज़ादी को हासिल करने के लिए देश में नया जोश उत्पन्न हो गया था।

चाँद से थोड़ी सी गप्पें कविता के कवि कौन है?

इसे सुनेंरोकेंचांद से थोड़ी-सी गप्पें / शमशेर बहादुर सिंह

चिड़िया जल का मोती कैसे लाती है?

इसे सुनेंरोकें(ख) छोटी चिड़िया चढ़ी हुई नदी से बिलकुल भी नहीं घबराती है। वह उफनती नदी के बीच से अपनी चोंच में पानी की बूंद लेकर उड़ जाती है। यानी लबालब भरी नदी की जलराशि का अनुमान लगाकर उस जलराशि में से जल का मोती निकाल लाती है अर्थात उसी पानी से चिड़िया अपनी प्यास बुझाती है, इसीलिए पानी मोती की तरह अमूल्य है।

केशव ने श्यामा को क्या नहीं दिखाया?

इसे सुनेंरोकें___ दोनों चिड़ियाँ बार-बार कार्निस पर आती थीं और बगैर बैठे ही उड़ जाती थीं। केशव ने सोचा, हम लोगों के डर से नहीं बैठतीं। स्टूल उठाकर कमरे में रख आया, चौकी जहाँ की थी, वहाँ रख दी। श्यामा ने आँखों में आँसू भरकर कहा-तुमने मुझे नहीं दिखाया, मैं अम्माँ जी से कह दूँगी।