प्रतीक पत्रिका का संपादन कब हुआ?

प्रतीक पत्रिका का संपादन कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंकार्यक्षेत्र : १९३० से १९३६ तक विभिन्न जेलों में कटे। १९३६–१९३७ में ‘सैनिक’ और ‘विशाल भारत’ नामक पत्रिकाओं का संपादन किया। १९४३ से १९४६ तक ब्रिटिश सेना में रहे‚ इसके बाद इलाहाबाद से ‘प्रतीक’ नामक पत्रिका निकाली और ऑल इंडिया रेडियो की नौकरी स्वीकार की।

दिनमान और प्रतीक पत्रिका के संपादक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंयह हिन्दी की एक प्रमुख एवं पहली साप्ताहिक समाचार पत्रिका थी जिसे सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने आरंभ किया और बाद में रघुवीर सहाय ने कई वर्षों तक संपादित किया। इस पत्रिका ने हिन्दी को कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी एवं पत्रकार ही नहीं दिए बल्कि हिन्दी प्रदेश में एक विचारधारात्मक ऊर्जा का भी संचार किया।

प्रतीक पत्रिका कहाँ से प्रकाशित होती थी?

5. छायावादोत्तर युग की पत्र-पत्रिकाएँ एवं संपादक

पत्रिका एवं संपादक प्रकाशन स्थान वर्ष
विप्लव- यशपाल लखनऊ, मासिक 1938
विश्वभारती- हजारी प्रसाद द्विवेदी त्रैमासिक, बंगाल 1942
आजकल- प्रवीन कुमार उपाध्याय मासिक, दिल्ली 1945
प्रतीक- अज्ञेय द्वैमासिक, इलाहाबाद 1947

नया प्रतीक पत्रिका के संपादक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकें’प्रतीक’ पत्रिका के संपादक का नाम “सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ” हैं। यह पत्रिका अज्ञेय जी ने लिखी थी ।

प्रतीक पत्रिका का संपादक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंप्रतीक छगु खेँ भाषाया पत्रिका खः। थ्व पत्रिकाया सम्पादक हरीश बमजन व अरू ख।

दिनमान के संपादक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकें1965 में प्रारंभ हुआ दिनमान अज्ञेय के संपादन में 1969 तक आते आते एक समाचार विचार की पत्रिका के रूप में स्थापित हो चुका था. 1969 में अज्ञेय ने दिनमान से विदा ली और अशेष बड़ी लकीर खींचने विदेश चले गए. उस समय नवभारत टाइम्स के विशेष संवाददाता के पद पर काम कर रहे कवि रघुवीर सहाय को दिनमान के संपादक का कार्यभार सौंपा गया.

हंस पत्रिका के संस्थापक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंहंस का प्रकाशन सन् 1930 ई० में बनारस से प्रारम्भ हुआ था। इसके सम्पादक मुंशी प्रेमचन्द थे। प्रेमचन्द के सम्पादकत्व में यह पत्रिका हिन्दी की प्रगति में अत्यन्त सहायक सिद्ध हुई। सन् 1933 में प्रेमचन्द ने इसका काशी विशेषांक बड़े परिश्रम से निकाला।

प्रतीक पत्रिका का संपादन कौन था?

इसे सुनेंरोकें’प्रतीक’ पत्रिका के संपादक का नाम “सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ” हैं। यह पत्रिका अज्ञेय जी ने लिखी थी । उन्होंने यह पत्रिका सन् 1947 से निकाली थी ।