दादी माँ बुखार का अंदाजा कैसे लगाती थी?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: दादी माँ छू-छूकर ज्वर का अनुमान लगाती थीं।
दादी माँ कहानी से आपको क्या प्रेरणा लमिती है?
इसे सुनेंरोकेंSolution. पाठ ‘दादी माँ’ हमें यह प्रेरणा देता है कि बड़ों की सीख सदैव महत्त्वपूर्ण होती है। हमें अपने बुजुर्गों की भावनाओं को समझकर उनका सम्मान करना चाहिए। हमें सदैव उनका पूरा खयाल रखना चाहिए।
दादी मां कहानी में लेखक को कैसे पानी में नहाने का मजा आता था?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर – लेखक के मित्र उसका मज़ाक इसलिए उड़ाते थे क्योंकि ज़रा-सी कठिनाई पड़ते ही लेखक को गाँव, घर और परिवार की याद आने लगती थी। प्रश्न-9 लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा क्यों नहीं ले पाया? उत्तर – लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा बीमार हो जाने के कारण नहीं ले पाया।
दादी मां कहानी में ऋण लेने का जिक्र हुआ है ऋण का अर्थ क्या होगा?
इसे सुनेंरोकेंकई बार ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं जब लोग ऋण शादी-विवाह के खर्च के लिए मकान बनवाने के लिए, बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए, फसलों की बुआई के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पशु खरीदने के लिए, किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए, प्रायः लोग ऋण लिया करते हैं।
दादी मां पाठ की साहित्य विद्या क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न-1 दादी माँ पाठ की विधा और लेखक का नाम लिखिए। उत्तर- दादी माँ पाठ की विधा – कहानी है और लेखक शिवप्रसाद सिंह हैं।
दादी माँ नामक कहानी का क्या उद्देश्य है?
इसे सुनेंरोकेंलेखक द्वारा ‘दादी माँ’ कहानी लिखने का उद्देश्य है कि जीवन की ऐसी मधुर यादें होती हैं जो कभी भी नहीं भूलती और कई यादें हमें प्रेरणा देती हैं। इस पाठ से भी यही सीख मिलती है कि जब लेखक को अपनी दादी की मृत्यु का संदेश मिलता है तो वह अपने बचपन की यादों में खो जाता है जो दादी के साथ जुड़ी थी।
दादीमाँ पाठ में साईं और मौथा क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदर के सिवान से बहकर आए हुए मोथा और साईं की अधगली घासें, घेऊर और बनप्याज की जड़ें तथा नाना प्रकार की बरसाती घासों के बीज, सूरज की गरमी में खौलते हुए पानी में सड़कर एक विचित्र गंध छोड़ रहे हैं। रास्तों में कीचड़ सूख गया है और गाँव के लड़के किनारों पर झागभरे जलाशयों में धमाके से कूद रहे हैं।
नहाकर लौटने पर दादी माँ लेखक के लिए क्या लेकर आई थी *?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब स्नान कर दादी माँ अपने आँचल में शक्तिधारी चबूतरे की मिट्टी लाई थी, जिसे उन्होंने लेखक के मुँह में डाला और सिर पर लगाया ताकि बीमार लेखक शीघ्र स्वस्थ हो जाए।