उदयभान चरित का दूसरा नाम क्या दिया गया है?

उदयभान चरित का दूसरा नाम क्या दिया गया है?

इसे सुनेंरोकेंउदयभान चरित किस रचना का दूसरा नाम है(A) प्रेमसागर

हमारो उत्तम भारत देश नामक कविता किसकी रचना है?

#28. ‘ हमारो उत्तम भारत देस’ नामक कविता किसकी रचना है :–

  • राधाचरण गोस्वामी
  • राधाकृष्णदास
  • बदरीनारायण चौधरी
  • भारतेन्दु

इनमें से कौन सी Pravarti भारतेंदु काल की है?

इसे सुनेंरोकेंभक्ति-भावना- देश-भक्ति के साथ ईश भक्ति भी इस युग की कविता की मुख्य प्रवृत्ति है।

भारतेंदु युग का कौन सा कवि पुष्टिमार्ग में दीक्षित थे?

इसे सुनेंरोकें(स) राधाकृष्णदास।

उदयभान चरित किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंइंशा अल्लाह खां उर्दू के प्रसिद्ध शायर थे। यह दिल्ली के रहने वाले थे। लेकिन बाद में लखनऊ चले गए। इन्होंने 1800 ई के आस-पास ठेठ हिंदी भाषा में ‘रानी केतकी की कहानी’ या ‘उदयभान चरित’ की रचना की थी।

धन्य भूमि भारत सब रतननि की उपजावनि किसकी पंक्ति है?

इसे सुनेंरोकें(D) राधाकृष्णदास​

बकरी विलाप किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकें’बकरी विलाप किसकी कृति हैं?(A) मैथिलीशरण गुप्त

भारतेंदु हरिश्चंद्र के घनिष्ठ मित्र कौन थे 1 Point पंडित रामचंद्र शुक्ल बद्रीनारायण चौधरी जयशंकर प्रसाद?

इसे सुनेंरोकेंबहुमुखी प्रतिभा के धनी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने प्रभूत साहित्य रचा एवं अनेक साहित्यकारों को अपनी प्रतिभा से प्रभावित एवं प्रेरित किया। इन लेखकों में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’, राधाचरण गोस्वामी एवं रायकृष्णदास प्रमुख हैं। इन्होंने हिन्दी-साहित्य को समृद्ध बनाया।

भारतेंदु युग की प्रमुख प्रवृत्ति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतेंदु युग की सबसे महत्वपूर्ण देन है गद्य व उसके अन्य विधाओं का विकास। इस युग में पद्य के साथ गद्य विधा प्रयोग में आयी जिससे मानव के बौद्धिक चिंतन का भी विकास हुआ। कहानी, नाटक ,आलोचना आदि विधाओं के विकास की पृष्ठभूमि का भी यही योग रहा है।

भारतेंदु युग कब से कब तक?

इसे सुनेंरोकें(2) भारतेंदु युग(नवजागरण काल): 1868ईस्वी से 1900 ईस्वी तक। (3) द्विवेदी युग: 1900 ईस्वी से 1922 ईस्वी तक. (5) शुक्लोत्तर युग(छायावादोत्तर युग): 1938 ईस्वी से 1947 तक। (6) स्वातंत्र्योत्तर युग: 1947 ईस्वी से अब तक।

भारतेंदु युग के लेखक कौन कौन है?

इसे सुनेंरोकेंभारतेंदु युग को हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम चरण कहा जाता है। लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य का प्रतिनिधि माना जाता है। भारतेंदु युग के लेखकों में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी, राधाचरण गोस्वामी एवं रायकृष्णदास प्रमुख हैं।