एकादशी पर बाल धोने से क्या होता है?

एकादशी पर बाल धोने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंएकादशी के दिन महिलाओं को अपना सिर या बाल नहीं धोना चाहिए. तथा अपने शरीर पर साबुन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा एकादशी के दिन नाख़ून और बाल काटना भी वर्जित माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की इस दिन यह सभी वर्जित काम करने से भगवान विष्णु अप्रसन्न होते हैं. और हमारे घर में धन की हानि होती हैं.

एकादशी को बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंएकादशी, द्वादशी और तेरस के दिन बैंगन खाना मना है। इससे संतान को कष्ट होता है।

एकादशी के दूसरे दिन क्या नहीं खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकें* एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी पर श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन पान खाना भी वर्जित है। * फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें।

औरतों को बाल कब धोना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंज्योतिष के अनुसार शुक्रवार, रविवार के दिन बाल धोना चाहिए, बाकी दिन यानि सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शनिवार को बाल नहीं धोना चाहिए। बाल कटवाने के लिए बुधवार, शुक्रवार का दिन सही होता है। औरतों के लिए ये वाकई एक मुश्किल सवाल है क्योंकि उनके बाल पुरुषों के बालों की तुलना में लंबे और घने होते हैं।

व्रत में बैंगन खा सकते हैं क्या?

इसे सुनेंरोकें13. तेरस (त्रयोदशी) को बैंगन खाना निषेध है। 14. अमावस्या, पूर्णिमा, सक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।

द्वादशी को क्या खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंएकादशी व्रत के दिन चावल खाना मना होता है, लेकिन द्वादशी के दिन चावल खाना उत्तम माना जाता है . मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म पाता है, लेकिन द्वादशी को चावल खाकर व्रत का पारण करने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है.

एकादशी के दिन क्या दान करें?

इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन ब्राह्मणों को जूत दान करना बहुत शुभ होता है. इसके अलावा अन्नदान, छाता दान, बिस्तर दान, वस्त्र दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. आप चाहे तो चने और गुड़ का भी दान कर सकते हैं.