कौन से दोनों काल मिथ्या हैं?
इसे सुनेंरोकेंअसल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए।
कौन से काल मिथ्या है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंहम अक्सर या तो गुजरे हुए दिनों की बातों में उलझे रहते हैं या भविष्य के सपने देखते हैं। इस तरह भूत या भविष्य काल में जीते हैं। असल में दोनों काल मिथ्या हैं। हम जब भूतकाल के अपने सुखों एवं दुखों पर गौर करते हैं तो हमारे दुख बढ़ जाते हैं।
लेिक के अनुसार सत्य के रेल वर्तमान है उसी में िीना चादहए लेिक ने ऐसा क्यों कहा होगा स्पष्ट कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंइसका आशय है कि लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है। वर्तमान में जीना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि ऐसा करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और जीवन में उन्नति होती है। यदि हम भूतकाल के लिए पछताते रहेंगे या भविष्य की योजनाएँ ही बनाते रहेंगे, तो दोनों बेमानी या निरर्थक हो जाएँगे।
भूतकाल और भविष्यकाल दोनों को मिथ्या क्यों कहा गया है?
इसे सुनेंरोकेंलेखक ने भूतकाल और भविष्य काल को मिथ्या इसलिए कहा है क्योंकि भूतकाल वह समय है जो चला गया है और भविष्य काल वह काल है जो अभी आया नहीं है अर्थात दोनों काल मिथ्या है। वर्तमान ही सत्य है। वर्तमान ही अनंत काल की तरह विस्तृत होता है।
प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार कौन से दो काल मिथ्या हैं?
इसे सुनेंरोकेंइस गद्यांश में भूतकाला और भविष्यकाल की बात की गई है। भूतकाल बीत गया है और भविष्यकाल आया ही नहीं। ये दोनों काल मिथ्या हैं।
लेखक ने दुखों का कारण भूत और भविष्यकाल को क्यों माना है?
लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है उसी मेंिीना चानहए ऐसा क्यों कहा गर्ा है?
इसे सुनेंरोकेंलेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि जब वह जापान में अपने मित्र के साथ .टी-सेरेमनी. में गया।
कहानी झेन की देन के अनुसार लेखक ने भूतकाल और भविष्य को मिथ्या क्यों कहा है?
छ लेखक ने अनन्त काल जितना विस्तृत किसे और क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंउन्होंने ऐसा इसलिए कहा है कि केवल वर्तमान ही हमारे सामने हैं। ना हम भूत को देख सकते हैं और ना आने वाले समय को देख सकते हैं।
लेखक ने वर्तमान को अनंत काल जैसा विस्तृत क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंचाय पीने के बाद लेखक ने महसूस किया कि जैसे उसके दिमाग की गति मंद हो गई हो। धीरे-धीरे उसका दिमाग चलना बंद हो गया हो उसे सन्नाटे की आवाजें भी सुनाई देने लगीं। उसे लगा कि मानो वह अनंतकाल से जी रहा है। वह भूत और भविष्य दोनों का चिंतन न करके वर्तमान में जी रहा हो।