प्रभु के जन्म के कितने अतिशय होते हैं?

प्रभु के जन्म के कितने अतिशय होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार देवों द्वारा केवली भगवान् के १४ अतिशय किये जाते है! १-अशोकवृक्ष-२-पुष्पवृष्टि होना,३-दुंदभी-देवताओं द्वारा नगाड़े बजाना,४-सिंहासन-मणियों का सिंहासन होना,५-दिव्यध्वनी,६-भामंडल,७-तीन छत्र,८-चौसठ चंवर!

प्रभु पार्श्व की दीक्षा कौनसे उद्यान में हुई?

इसे सुनेंरोकेंश्री पार्श्व ने पौष माह की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को वाराणसी में जैनेश्वरी दीक्षा प्राप्त की और उसके दो दिन बाद पायस का प्रथम पारणा किया। मात्र 30 वर्ष की अवस्था में सांसारिक मोहमाया का त्याग कर संन्यासी हो गए और फिर 83 दिन की कठोर तपस्या के बाद 84वें दिन कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया।

पार्श्व कुमार के नाना कौन थे *?

पार्श्वनाथ
वंश इक्ष्वाकु
पिता राजा अश्वसेन
माता रानी वामादेवी
पंचकल्याणक

भगवान की दिव्य ध्वनि कितनी भाषाओं में खिरती है?

इसे सुनेंरोकेंइसका समाधान यह है कि भगवान की उस दिव्यवाणी में अनेक बीजाक्षर र्गिभत रहते हैं और प्रत्येक बीजाक्षर एक मंत्र है, जिसमें विशाल अर्थों का समुदाय है। ये बीजाक्षर उसी तरह र्गिभत हैं जिस तरह १८ महाभाषाएँ और ७०० क्षुल्लक (लघु) भाषाएँ दिव्यध्वनि में र्गिभत रहती हैं।

अरिहंत भगवान का मरण कौन सा मरण कहलाता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – अरिहंत भगवान के शरीर छूटने को मरण संज्ञा नहीं है उसका नाम निर्वाण एवं मोक्ष है।

सबसे अधिक गणधर कौन से तीर्थंकर के थे?

24 तीर्थंकरो के नाम

  • ऋषभदेव
  • अजितनाथ
  • सम्भवनाथ
  • अभिनंदन जी
  • सुमतिनाथ जी
  • पद्ममप्रभु जी
  • सुपार्श्वनाथ जी
  • चंदाप्रभु जी

पारसनाथ चरित्र के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकें✎… पार्श्वनाथ चरित्र के लेखक ‘वादिराज’ हैं। इस ग्रंथ का रचनाकाल शक संवत् 647 अर्थात 1025 ईस्वी रहा है। वादिराज ने अपने ‘पार्श्वनाथ चरित्र’ ग्रंथ में भगवान पार्श्वनाथ के जीवन चरित्र का वर्णन किया है।

कितने तीर्थंकर के पिता देवलोक गए?

इसे सुनेंरोकेंइसके अलावा तीर्थंकरों के माता-पिता, 14 कुलकर और उनकी पत्नियां, 11 रुद्र, 9 नारद और 24 कामदेव हुए हैं। आओ जानते हैं सभी के नाम। *24 तीर्थंकर :- 1.