आंसू कविता का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंआँसू में प्रेम की स्मृति इतनी सत्यता के साथ अभिव्यक्त हुई है कि हमारा कवि के साथ अविलम्ब साधारणीकरण हो जाता है। आँसू कवि के जीवन की वास्तविक प्रयोगशाला को आविष्कार है। जीवन में प्रत्येक अभिलाषा को पूरी करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और उसमें असफल होने पर व्यक्ति चिंता, दुःख, असंतोष और कुण्ठा से पीड़ित होता है।
आंसू कौन से युग की रचना है?
इसे सुनेंरोकें’आँसू’ का रचनाकाल लगभग 1923 – 24 ई. है। कहा जाता है पहले कवि का विचार इसे ‘कामायनी’ के अंतर्गत ही प्रस्तुत करने का था, किंतु अधिक गीतिमयता के कारण तथा प्रबन्ध काव्य के अधिक अनुरूप न होने के कारण उसने यह विचार त्याग दिया। ‘आँसू’ के दोनों संस्करणों में पर्याप्त अंतर है।
आंसू में कुल कितनी पद्य पंक्तियां हैं?
इसे सुनेंरोकें’आँसू’ के प्रथम संस्करण में १२६ छंद थे। इसका द्वितीय संस्करण उत्तम साज-सज्जा के साथ सन् १९३३ में भारती-भण्डार, रामघाट, बनारस सिटी से प्रकाशित हुआ। इस संस्करण में प्रसाद जी ने ६७ नये छन्द जोड़ दिये और पहले संस्करण के ३ छन्द निकाल दिये। इस तरह इस संस्करण में छन्दों कि कुल संख्या १९० हो गयी।
आती है शून्य क्षितिज से क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी टकराती बिलखाती सी पगली सी देती फेरी?
इसे सुनेंरोकेंइस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती क्यों हाहाकार स्वरों में वेदना असीम गरजती? मानस सागर के तट पर क्यों लोल लहर की घातें कल कल ध्वनि से हैं कहती कुछ विस्मृत बीती बातें? आती हैं शून्य क्षितिज से क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी टकराती बिलखाती-सी पगली-सी देती फेरी?
द्विवेदी युग में लिखी गयी कौन सी रचना है?
इसे सुनेंरोकेंद्विवेदी-युग में राष्ट्रीय काव्य धारा के अंतर्गत प्रमुख कवि- मैथलीशरण गुप्त, नाथूराम शर्मा ‘शंकर’, गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’, राम नरेश त्रिपाठी तथा राय देवीप्रसाद ‘पूर्ण’ आदि हैं। इन कवियों की रचनाओं में राष्ट्रीयता, स्वदेश प्रेम तथा भारत के अतीत गौरव का गान मिलता है।
द्विवेदी युग की रचना कौन कौन सी हैं?
द्विवेदी युग के कवि और उनकी रचनाएँ
- नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ अनुराग रत्न, शंकर सरोज, गर्भरण्डा रहस्य, शंकर सर्वस्व
- श्रीधर पाठक वनाष्टक, काश्मीर सुषमा, देहरादून, भारत गीत, जार्ज वंदना (कविता), बाल विधवा (कविता)
- महावीर प्रसाद द्विवेदी
- ‘हरिऔध’
- राय देवी प्रसाद ‘पूर्ण
- रामचरित उपाध्याय
- गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही
- मैथिली शरण गुप्त
आँसू काव्य में कौन सा रस है?
इसे सुनेंरोकेंजयशंकर प्रसाद एक महान छायावादी युग के कवि तो थे ही साथ ही वह एक भावुक कवि भी थी। जिसकी भावुकता आप आँसू में देख सकते है. उन्हें ये एहसास था की लक्ष्य प्राप्ति के लिए संघर्ष पीड़ा, वेदना कई प्रकार के दुखों का सामना करना पड़ता है। वही सब जयशंकर प्रसाद ने कविता आँसू के माध्यम से बताने का प्रयास किया है।
आंसू कविता के रचनाकार कौन है?
इसे सुनेंरोकेंमहाकवि जयशंकर प्रसाद की कविता ‘आंसू’ से एक अंश