धतूरे के बीज को पीसकर खाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंहर रोज धतूरे के रस में तिल का तेल मिलाकर गठिया, जोड़ों के दर्द में इस्तेमाल किया जाता है। इससे ना केवल जोड़ों का हल्का दर्द बल्कि गठिया में भी आराम मिलता है। इसके अलावा पुराने समय में धतूरे के बीज को जलाकर उसका प्रयोग बुखार या फिर जुकाम में हुए कफ को दूर करने के लिए करते थे।
धतूरा कौन से कुल का पौधा है?
धतूरा | |
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गण: | Solanales |
कुल: | Solanaceae |
वंश: | Datura L. |
Species |
धतूरे की जड़ खाने से क्या फायदा?
इसे सुनेंरोकेंऔषधि गुणों की खान माने जाने वाले धतूरा की जड़, फल, फूल, पत्ता औषधियुक्त हैं। इसके पत्ते को पीसकर पैर में सूजन हो जाने पर काफी उपयुक्त माना जाता है। स्वांस रोग में भी यह लाभदायक होता है। जोड़ों के दर्द में यह लाभकारी है।
धतूरे के बीज क्या काम आते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवहीं, आयुर्वेद के अनुसार, धतूरे में मौजूद औषधीय गुण घाव को ठीक करने और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. पुरुषों के लिए धतूरे का सेवन किसी वरदान से कम नहीं है. इससे उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ती है. इसका सेवन करने के लिए आप पहले इसके बीज और लौंग दोनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें.
धतूरा का वानस्पतिक नाम क्या है?
Daturaधतूरा / वैज्ञानिक नाम
धतूरे के फूल कैसे होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंइसके फूल सुनहले रंग के होते हैं । काले धतूरे के डंठल, टहनियाँ और पत्तों की नसे गहरे बगनी रंग की होते है तथा फूलों के निचले भाग भी कुछ दूर तक रक्तकृष्णाभ होते हैं ।
धतूरे की जड़ कमर में बांधने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंबवासीर रोग में-जो लोग बवासीर के रोग से परेशान रहते है, वे काले धतूरे की जड़ का एक टुकड़ा काले धागे में पिरोकर कमर में बाॅध लेने से हर प्रकार का बवासीर रोग ठीक हो जाता है। गठिया रोग में-काले धतूरे के पत्तों को पीसकर उसे लेप बनाकर रोग वाले स्थान पर लगाने से गठिया रोग में विशेष लाभ मिलता है।
काले धतूरे की जड़ क्या काम आती है?
इसे सुनेंरोकेंकाला धतूरा के बीज, पत्तियों और जड़ों का उपयोग पागलपन, बुखार, दस्त, मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं, त्वचा रोगों में किया जाता है। इसके पत्तों और बीज के रस को तेल में मिलाकर गठिया के सूजन, फोड़े और गांठों में दर्द को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। कफ को ठीक करने के लिए इसके पौधे की पत्तियों से धूम्रपान किया जाता है।