तारामीरा का दूसरा नाम क्या है?

तारामीरा का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंBasic Info. आप जानते है तारामीरा सरसों परिवार की फसल हैं, तारामीरा फसलों के समूह में तोरिया, भूरी सरसों, पीली सरसों तथा राया आते है।

तारामीरा को हिंदी में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंतरामीरा Meaning in Hindi – तरामीरा का मतलब हिंदी में तरामीरा – संज्ञा पुलिंग [देश०] सरसों की तरह का एक पौधा जिसके बीजों से तेल नीकलता है । विशेष – उत्तरीय भारत में जाडे़ की फसल के साथ इसके बीज बोए जाते हैं । रवी की फसल के साथ इसके दाने भी पक जाते हैं ।

तारामीरा को उत्तर प्रदेश में क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल, तारामीरा सरसों और राई कुल की एक तिलहनी फसल है. इसके बीजों में करीब 35 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान के नागौर, पाली, बीकानेर, बाड़मेर और जयपुर जैसे जिलों में की जाती है. इस फसल की सबसे अच्छी बात ये है कि यह कम पानी और कम उपजाऊ मिट्टी में भी आसानी से उगाया जा सकता है.

तारा का भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकें12700-13000, चणादाल 5900, मूंगदाल 8500-8700, हल्दी 10500-11500, धाणा 12500-15000, मूंगफली 5000-5200, लहसुन 7000-8500, आलू पापड़ी 6500-8000 रुपए।

तारामीरा और सरसों में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंदोनो एक ही परिवार की वनस्पतियां हैं। दोनो का स्वाद भी लगभग एक जैसा होता है। सरसों के दाने पीले रंग के होते हैं व राई के काले। तेल दोनो का निकाला जाता है, राई के तेल मे सरसों के तेल से मामूली कम तीखापन होता है, अतः तेल अधिकांश सरसों का ही बनाया जाता है।

तारामीरा क्या काम आता है?

इसे सुनेंरोकेंयह हड्डी की मजबूती और आखों की रोशनी तेज करने में सहायक मानी जाती है। इसमें विटामिन सी भी रहता है जो पाचन तंत्र को मजबूत करता है। इसके पत्तों का सेवन शरीर में एसिड बनने से रोकता है। तारामीरा के तेल को खाद्य के रूप में प्रयोग करने से यह स्किन कैंसर, लंग कंैसर, मुहं के कंैसर के प्रभाव को कम करता है।

तारामीरा की बुवाई कब करनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंबुवाई – बारानी क्षेत्र में तारामीरा की बुवाई का समय मिट्टी की नमी व तापमान पर निर्भर करता है। नमी की उपलब्धता के आधार पर इसकी बुवाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक कर दें। बीज कतारों में बोये एवं कतार से कतार की दूरी 40-45 सेंटीमीटर रखें।

तारामीरा का तेल क्या काम आता है?

तारामीरा की बुवाई कब होती है?

तारामीरा का भाव क्या है 2022?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान मंडी भाव 23 मार्च 2022 नोहर अनाज मंडी में बुधवार 23 मार्च को चने का भाव 4650 से 4713, गवार का रेट 5835, तारामीरा का भाव 5090, मूंग 6870 से 7175, मोठ 5000 से 6270, सरसों 6200 से 6625, अरण्डी 5700 से 7576, कनक 2040 और जौ 2381 से 2470 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका .

तारामीरा की बुवाई कब करें?

इसे सुनेंरोकेंनमी की उपलब्धि के आधार पर इसकी बुवाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक कर देनी चाहिये. कतारों में 5 सेंटीमीटर गहरा बीज बोयें. कतार से कतार की दूरी 40 सेंटीमीटर रखें. तारामीरा फसल में प्रथम सिंचाई 40 से 50 दिन में, फूल आने से पहले करें.

तारामीरा कितने दिन में उगता है?

इसे सुनेंरोकेंइस फसल में पहली सिंचाई 40 से 50 दिन में फूल आने से पहले की जाती है। इसके बाद जरुरत पड़ने पर ही इसकी सिंचाई करनी चाहिए। इसमें से समय समय पर खरपतवार को निकालकर इसकी निराई करते रहना चाहिए।