प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के उत्तरदायित्व कितने हैं?

प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के उत्तरदायित्व कितने हैं?

इसे सुनेंरोकेंएक कुशल एवं योग्य प्रबन्धकीय अर्थशास्त्री का यह दायित्व है कि वह इन अनिश्चितताओं का पूर्वानुमान लगाकर प्रबन्ध को सही निर्णय लेने एवं भावी नियोजन में सहायता करे। एक प्रबन्धकीय अर्थशास्त्री को अपने दायित्व का निर्वाह करने के लिए प्रबन्धकीय निर्णयों को प्रभावित करने वाले तत्वों को निश्चित करना होता है।

प्रबंधकीय अर्थशास्त्र का महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रबंधकीय अर्थशास्त्र विभिन्न आर्थिक मात्राओं जैसे लागत, लाभ, मांग, पूंजी, उत्पादन, मूल्य, आदि की भविष्यवाणी करने में प्रबंधन का समर्थन करता है। जैसा कि एक व्यवसाय प्रबंधक को अनिश्चितता के माहौल में कार्य करना पड़ता है, भविष्य के काम के माहौल के संदर्भ में पूर्वानुमान लगाना अनिवार्य है उक्त मात्राएँ

क्या व्यक्ति अर्थशास्त्र के संभावित विश्लेषण माना जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंव्यष्टि अर्थशास्त्र संपूर्ण अर्थशास्त्र का सार्वभौमिक अर्थशास्त्र का एक छोटा सा भाग होता है इसलिए व्यक्ति अर्थशास्त्र को सार्वभौमिक विश्लेषण नहीं माना जा सकता

प्रबंधकीय अर्थशास्त्र में फर्म के अर्थशास्त्र का सिद्धांत क्यों लागू नहीं हो पाता?

इसे सुनेंरोकेंयदि भविष्य के बारे में फर्म को इन कारकों का सही ज्ञान होता है तो लाभ का विश्लेषण बहुत सरल होता है। परन्तु Page 12 प्रबन्धकीय अर्थशास्त्र फर्म अनिश्चितता के वातावरण में विभिन्न अनुमानों एवं आशाओं के आधार पर कार्य करती है। इसलिए लाभ का नियोजन एवं प्रबन्ध प्रबन्धकीय अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण एवं जटिल कार्य है।

प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के आधारभूत सिद्धांत कौन कौन से हैं?

प्रबन्धकीय अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र

  • कर नीति
  • प्रशुल्क नीति
  • रोजगार नीति
  • व्यापार चक्र
  • मौद्रिक नीति
  • उपभोग एवं विनियोग के सिद्धान्त
  • राष्ट्रीय आय
  • आयात-निर्यात नीति

प्रबंधकीय पूर्वानुमान का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रबंधक प्रभावी पूर्वानुमान बनाने के लिए निर्णय, अंतर्ज्ञान, ज्ञान और कौशल का उपयोग करते हैं। गुणात्मक तकनीकों में से कुछ कार्यकारी राय पद्धति, बिक्री बल समग्र विधि और उपयोगकर्ताओं की अपेक्षा विधि के जूरी हैं। बाहरी पर्यावरण पूर्वानुमान: कोई भी फर्म, बड़ी या छोटी, समय के साथ स्थिर स्थिति में नहीं रहती है।

प्रबंधकीय लेखांकन से क्या आशय है इसकी प्रकृति एवं क्षेत्र को समझाइये?

इसे सुनेंरोकेंसाधारण बोलचाल चाल की भाषा मे, कोई भी लेखाविधि, जो प्रबंध के कार्यों मे सहायता हेतु आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करती है, उसे प्रबंधकीय लेखांकन कहा जाता है। प्रबंधकीय लेखांकन लेखांकन प्रबंध का एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है जिसका प्रयोग व्यवसाय के कुशल प्रबंध, नीति-निर्धारण तथा निर्गमन के लिए अत्यंत आवश्यक है

बताएंगे कि कैसे यह व्यवसाय के प्रमुख क्षेत्रों में प्रबंधकीय समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है?

इसे सुनेंरोकेंअतः प्रबंधकीय अर्थशास्त्र, आर्थिक विज्ञान का वह भाग है जिसका व्यवसाय-जगत की समस्याओं के विश्लेषण तथा विवेकपूर्ण व्यावसायिक निर्णय लेने में उपयोग किया जाता है। प्रबन्धकों को व्यावसायिक जटिल समस्याओं के समाधान का व्यावहारिक हल प्रदान कर उनकी आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति करता है।

व्यष्टि और समष्टि क्या है?

इसे सुनेंरोकेंव्यष्टि का अर्थ है-छोटा, सूक्ष्म। अतः जब अध्ययन अथवा समस्या एक इकाई या अर्थव्यवस्था के एक भाग से संबंधित होती है तो इस अध्ययन विषय को व्यष्टि अर्थशास्ज्ञत्र कहा जाता है। समष्टि का अर्थ है-बड़ा। इकाई के भाग या एक से अधिक इकाई के छोटे समूह का अध्ययन है।

कीमत निर्धारण व्यक्ति अर्थशास्त्र के क्षेत्र में आता है क्यों?

इसे सुनेंरोकेंव्यष्टि अर्थशास्त्र में कीमत निर्धारण एक महत्वपूर्ण विवेचन है जहाँ बाजार मांग और आपूर्ति के आधार पर कीमत के निर्धारण का अध्ययन किया जाता है। बाज़ार में मांग-पूर्ति शक्तियों की समस्थिति से निर्धारित कीमत संतुलन कीमत (equilibrium price) होती है।

पूर्वानुमान से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअज्ञात स्थितियों में तर्कपूर्ण आकलन (estimation) करने को पूर्वानुमान करना (Forecasting) कहते हैं। जैसे दो दिन बाद किसी स्थान के मौसम के बारे में अनुमान लगाना, एक वर्ष बाद किसी देश की आर्थिक स्थिति के बारे में कहना आदि पूर्वानुमान हैं। पूर्वानुमान के साथ अनिश्चितता और खतरा (Risk) का घनिष्ट सम्बन्ध है।