प्राथमिक शिक्षा का क्या उद्देश्य है?
इसे सुनेंरोकेंभावी जीवन का निर्माण – प्राथमिक शिक्षा बच्चे के भावी जीवन का निर्माण करने में सहायक है। यह शिक्षा बच्चों को भावी जीवन के लिए तैयार करती है और उन्हें समर्थ बनाती है। अच्छे नागरिकों का निर्माण – आज के बच्चे काल के नागरीक बनते हैं। प्राथमिक शिक्षा द्वारा ही बच्चों में अच्छी नागरिकता के गुण उत्पन्न किए जाते हैं।
प्राथमिक शिक्षा की प्रमुख विशेषता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्राथमिक शिक्षा विकासशील देशों के विकास में अहम भूमिका निभाती है। प्राथमिक शिक्षा बालक की भौतिक, मानसिक, सामाजिक, भावात्मक, नैतिक आवश्यकताओं को पूरा करके उसके व्यक्तित्व का विकास करती है। यह शिक्ष बालकों में नैतिक गुणों को उत्पन्न करती है तथा देश प्रेम की भावना जाग्रत करती है।
सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसर्व शिक्षा अभियान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। सर्व शिक्षा अभियान के घोषित लक्ष्य के अनुसार एक निश्चित समय सीमा के अन्दर सभी बच्चों का शत–प्रतिशत नामांकन, ठहराव तथा गुणवत्तता युक्त प्रांरभिक शिक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही सामाजिक विषमता तथा लिंग भेद को भी दूर करना है।
प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंशिक्षा का सार्वजनीकरण या लोकव्यापीकरण या सार्वभौमीकरण का शाब्दिक अर्थ है – “शिक्षा का किसी निश्चित स्तर तक सभी लोगों के लिये अनिवार्य एवं निःशुल्क रूप से उपलब्ध होना। “ शिक्षा के सार्वजनीकरण की संकल्पना भारत में प्राचीनकाल से ही विकसित हो चुकी थी।
भारत में प्राथमिक शिक्षा के जनक कौन है?
इसे सुनेंरोकें१९०६ : बड़ोदा के महाराज सयाजी राव गायकवाड़ भारत के प्रथम शासक थे जिन्होने १९०६ में अपने राज्य में निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा आरम्भ की। १९११ : गोपाल कृष्ण गोखले ने प्राथमिक शिक्षा को निःशुल्क और अनिवार्य करने का प्रयास किया।
प्राथमिक शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंइसमें थोड़ा और जोड़ें तो कक्षा 1 में दाखिला लेने वाले सभी बच्चों में से एक तिहाई से कुछ अधिक ही कक्षा 8 तक जाते हैं। इसमें से 53% के आसपास 5 से 9 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियां हैं, जो अभी-भी अशिक्षित हैं। प्राथमिक शिक्षा को 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रारम्भिक शिक्षा भी कहा जाता है
मध्यकालीन शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
इसे सुनेंरोकेंमध्यकालीन भारतीय शिक्षा का एक मुख्य उद्देश्य लौकिक उन्नति एवं प्रगति को निर्धारित करना था। अतः इस काल की शिक्षा-व्यवस्था में व्यावसायिक शिक्षा को भी समुचित महत्त्व दिया गया था
मुस्लिम शिक्षा कितने स्तरों में विभाजित है?
इसे सुनेंरोकेंमकतब – जिस स्थान में शिक्षा प्रदान की जाती है उसको मकतब कहते हैं मुस्लिम काल में प्रायः मस्जिद के पास ही मकतबों का निर्माण कार्य करवाया जाता था। मदरसा – मदरसा का अर्थ होता है,भाषण देना। मुस्लिम काल में शिक्षा देने का माध्यम सदैव यही रहा हैं अधिकतर भाषण के माध्यम से ही उस समय शिक्षा प्रदान की जाती थी।
सर्व शिक्षा अभियान का प्रारंभ कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंयह योजना 2000-2001 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य देश के हर बच्चे को शिक्षा देना था
समग्र शिक्षा अभियान क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसमग्र शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर में सुधार करना है। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा के सभी आयामों को शामिल किया जाएगा जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। विद्यालय, बच्चों एवं शिक्षकों का विकास इस अभियान से होगा
शिक्षा के सार्वभौमीकरण का क्या अर्थ है इसे स्पष्ट करें?
इसे सुनेंरोकें__ शिक्षा का सार्वभौमीकरण ऐसी परिस्थिति पैदा करता है जिसमें 14 वर्ष तक के सभी बच्चों की अपनी योग्यता, कौशल, तर्कशक्ति, सामाजिक चतुराई, समानता, साहस, आत्मविश्वास, जिज्ञासा, स्वतंत्रता, स्वावलंबन, धैर्य और समझ का विकास हो सके। इसके लिए व्यक्ति को अनवरत रूप से शिक्षा से जुड़े रहने की भी आवश्यकता हैं।
शिक्षा के सार्वभौमीकरण से प्राथमिक शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंप्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के अन्तर्गत देश के सभी बच्चों के लिए पहली से आठवीं कक्षा तक नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करने का उद्देश्य सुनिश्चित किया गया। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि इस अनिवार्य शिक्षा के लिए स्कूल बच्चों के घर के समीप हो तथा चौदह वर्ष तक बच्चे स्कूल न छोड़ें