गणित के तर्क से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंदूसरी ओर गणित में तर्क ही आधार है और तर्क के बिना यह चाहे कितनी बड़ी उपलब्धि का साधन क्यों न बन जाय पर गणित नहीं रहेगा। गणितीय उपपत्ति में अपरिभाषित पद, गुण-धर्म, प्रमेय, तार्किक स्वयं-सिद्ध, प्रत्यक्ष–परोक्ष उपपत्ति आदि शामिल है। जिससे रेखागणित का विकास हुआ है।
गणित शिक्षण हमारे दैनिक जीवन में कैसे उपयोगी हो सकता है?
इसे सुनेंरोकेंअपने दैनिक जीवन में रोजाना ही हम गणित का इस्तेमाल करते हैं – उस वक्त जब समय जानने के लिए हम घड़ी देखते हैं, अपने खरीदे गए सामान या खरीदारी के बाद बचने वाली रेजगारी का हिसाब जोड़ते हैं या फिर फुटबाल टेनिस या क्रिकेट खेलते समय बनने वाले स्कोर का लेखा-जोखा रखते हैं।
धनात्मक एवं गुणात्मक उपयोगिता से क्या तात्पर्य?
इसे सुनेंरोकेंजब किसी वस्तु के उपभोग से उपभोक्ता को कुछ उपयोगिता प्राप्त होती है तो उसे धनात्मक सीमान्त उपयोगिता कहते हैं। जब किसी वस्तु के उपभोग से उपभोक्ता को अनुपयोगिता मिलती है तो इस अवस्था को ऋणात्मक सीमान्त उपयोगिता कहते हैं
स्वयं सिद्ध कथन का क्या अर्थ है उदाहरण सहित समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंएक स्वयंसिद्ध , अभिधारणा या धारणा एक ऐसा कथन है जिसे सत्य माना जाता है , आगे तर्क और तर्क के लिए आधार या प्रारंभिक बिंदु के रूप में कार्य करने के लिए। यह शब्द ग्रीक शब्द axíōma ( μα ) से आया है ‘वह जो योग्य या उपयुक्त समझा जाता है’ या ‘वह जो स्वयं को स्पष्ट रूप से प्रशंसा करता है। ‘
गणित में व्यावहारिक पद से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंव्यावहारिक गणित (अनुप्रयुक्त गणित या प्रायोगिक गणित), गणित की वह शाखा है जो ज्ञान की अन्य विधाओं की समस्याओं को गणित के जुगाड़ों (तकनीकों) के प्रयोग से हल करने से सम्बन्ध रखती है। उदाहरण के लिये तरल यांत्रिकी में गणित का उपयोग करने से एक हल्का एवं कम ऊर्जा से की खपत करने वाला वायुयान की डिजाइन की जा सकती है।
गिनती की दैनिक जीवन में क्या आवश्यकता है?
इसे सुनेंरोकेंहमारी समय-सूचक घड़ी भी जब समय बताती है तो वह कोई न कोई कोण का रूप ले लेती है। प्रधानाचार्य अमित कु मार जी ने बच्चों को समझाया कि हमारे दिन, महीने, वर्ष भी गिनती से पहचाने जाते है। दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली प्रत्येक वस्तु का आकार भी गणित सूत्रों पर आधारित होता है
धनात्मक और ऋणात्मक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंऋणात्मक और धनात्मक संख्या किसे कहते हैं? ऋणात्मक संख्या शून्य से छोटी होती हैं और इनका क्रम भी विपरीत दिशा में होता है