कोन सी धारा कब लगती ह?
IPC धारा | जुर्म |
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54 | मृत्यु दण्डादेश का रूपांतरण। |
307 | हत्या की कोशिश |
302 | हत्या |
376 | बलात्कार |
धारा 192 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 192 के अनुसार, जो कोई इस आशय से किसी परिस्थिति को अस्तित्व में लाता है, या किसी पुस्तक या अभिलेख या इलैक्ट्रानिक अभिलेख में कोई जाली प्रविष्टि करता है, या झूठा कथन अंतर्विष्ट रखने वाला कोई दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख रचता है कि ऐसी परिस्थिति, जाली प्रविष्टि या झूठा कथन न्यायिक कार्यवाही …
धारा कितने होते है?
इसे सुनेंरोकेंये और कुछ नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता ही होती है और दफा का मतलब धारा या Section से होता है. ये धारा या Section लगातार संख्याओं को कहते हैं. IPC में कुल मिलाकर 511 धाराएं ( Sections) और 23 chapters हैं यानी 23 अध्याओं में बटा हुआ है
186 धारा क्या है?
इसे सुनेंरोकेंधारा 186 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के अनुसार, जो भी कोई किसी लोक सेवक के सार्वजनिक कॄत्यों के निर्वहन में स्वेच्छा पूर्वक बाधा डालेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
धारा 194 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 194 के अनुसार, जो कोई भारत में तत्समय प्रवॄत्त विधि द्वारा मॄत्यु से दण्डनीय अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषसिद्ध कराने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा दोषसिद्ध कराएगा यह जानते हुए झूठा साक्ष्य देगा या गढ़ेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक …
धारा 292 क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 292 स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है कि महिला या युवती को अश्लील साहित्य या अश्लील तस्वीरें, क़िताबें या पर्चियां दिखाने वाले, पहली बार दोषी पाए गए व्यक्ति को दो वर्षों के लिए सश्रम कारावास की सज़ा देते हुए, 2000 रु. का जुर्माना वसूला जाए.
सीआरपीसी और आईपीसी में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंIPC अपराध की परिभाषा करती है और दण्ड का प्रावधान बताती है यानी it defines offences and provides punishment for it. यह विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को सूचीबद्ध करता है, वहीं CrPC आपराधिक मामले के लिए किए गए प्रक्रियाओं के बारे में बताती है, इसका उद्देश्य आपराधिक प्रक्रिया से संबंधित कानून को मजबूत करना है