तेल और पानी को कैसे अलग करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंशोधकर्ताओं ने गुरुत्वाकर्षण के द्वारा बहुत पतली झिल्ली (अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन) ने पानी को तेल से अलग कर दिया। यहां तक कि पानी का स्तर 10 सेमी से कम होने पर भी यह फिल्टर काम करने में सक्षम है। इसके अलावा, अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन 99
तेल और पानी को पृथक करने के लिए निम्न में से कौन सी विधि का प्रयोग करें?
इसे सुनेंरोकेंचूँकि जल और तेल की परतें अलग अलग होती हैं, अत: सीधा बर्तन, जिसमें तेल तथा जल का मिश्रण रखा गया हो से निस्तारण की प्रक्रिया द्वारा तेल के ऊपरी परत को दूसरे बर्तन में निकाल कर मिश्रण को पृथक किया जा सकता है, या पृथक्करण कीप की सहायता से जल के निचले परत को निस्तारित कर मिश्रण को पृथक किया जा सकता है।
तेल पानी का मिश्रण कैसे पृथक करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंकिसी मिश्रण के कणों की आमाप में अंतर का उपयोग चालन तथा निस्यंदन प्रक्रियाओं द्वारा पृथक्करण में किया जाता है। – रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक किया जा सकता है। – द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है।
सरसों के तेल और जल के मिश्रण को आप कैसे प्राप्त करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंसरसों का तेल हल्का होने के कारण ऊपरी पर्त बनाता है परंतु जल निचली पर्त बनाता है। इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाल लिया जाता है। कुछ समय के बाद कीप का स्टॉप कॉक खोल दिया जाता है जिससे जल निकल जाता है और शेष कीप में सरसों का तेल बच जाता है
आप पानी तथा सरसों के तेल को कैसे अलग करेंगे?
इसे सुनेंरोकेंExplanation: सरसो के तेल और पानी के मिश्रण को पृथक्कारी कीप की मदत से अलग किया जा सकता है। तेल और पानी के घनत्व के बीच अंतर होता है। सरसो का तेल पानी से हल्का होने की वजह से वह पानी के ऊपर अलग परत बनाएगा और पानी की परत नीचे रहेगी
निम्न में से कौन पृथक्करण की विधि है?
इसे सुनेंरोकेंपदार्थों के पृथक्करण की विधियों में थ्रेसिंग, निस्तारण और निस्यंदन का प्रयोग किया जाता है
जल और एसीटोन के मिश्रण में से कौन सा पदार्थ पहले पृथक होगा और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंजल और एसीटोन के मिश्रण में एसीटोन पहले पृथक होगा। जल का क्वथनांक 100°C होता है, जबकि एसीटोन का क्वथनांक 56°C होता है, इसलिए जब आसवन विधि द्वारा पृथक्करण प्रक्रिया अपनाई जाती है तो फ्लास्क में तापमान 56°C होते ही ऐसी एसीटोन पृथक होने लगता है और जिसे संघनक द्वारा पुनः ठंडा करके द्रव में परिवर्तित कर अलग कर लिया जाता है
तेल पानी पर क्यों तैरता है?
इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि तेल पानी से ज्यादा भारी होता है लेकिन फिर भी वह ऊपर की तरफ तैरने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तेल के अणुओं की सघनता पानी की अणुओं की सघनता से कम होती है। एक और वजह यह भी है कि पानी और तेल एक दूसरे में अविलेय होते हैं।