यूरोपियन व्यापारी सूती और रेशमी कपड़ों को क्या कहते थे?
इसे सुनेंरोकेंअभिजात वर्ग के कपड़े भारत से इंग्लैंड जानेवाले सूती कपड़ों को कालीकट के नाम पर ‘कैलिको’ कहा गया. बाद में साधारण बुनावट के सफ़ेद सूती कपड़ों को भी कैलिको कहा जाने लगा. फ़ी के मुताबिक यूरोप में भारतीय चिंट्ज़ अभिजात वर्ग के घरों में इस्तेमाल होते थे, ख़ासकर छोटी बैठक और रंगीन कालीनों वाले बेडरूम में
ब्रिटेन में सबसे पहले कौन सा कारखाना बना?
इसे सुनेंरोकेंआधुनिक काल ग्रेट ब्रिटेन में कारखानों का विकास सबसे पहले हुआ। सन् 1759 ई. तक वहाँ कई छोटे-मोटे कारखाने खुल गए थे। कालांतर में वाष्प इंजन के आविष्कार (1769 ई.)
विभिन्न कपड़ों के नामों से उनके इतिहासों के बारे में क्या पता चलता है?
इसे सुनेंरोकेंबुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक विभिन्न कपड़ों के नामों से उनके इतिहासों के बारे में क्या पता चलता है? (1) यूरोप के व्यापारियों ने भारत से आया बारीक सूती कपड़ा सबसे पहले मौजूदा इराक के मोसूल शहर में अरब के व्यापारियों के पास देखा था। इसी आधार पर वे बारीक बुनाई वाले सभी कपड़ों को “मुस्लिन” (मलमल) कहने लगे।
कालीकट से निकले शब्द को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंयहाँ से वे मसालों केसाथ – साथ सूती कपड़ा भी लेते गए। कालीकट से निकले शब्द कोफ्वैफलिकोय् कहने लगे। बाद में हर तरह के सूती कपडे़ को वैफलिको ही कहा जाने लगा।
सूती कपड़ा कैसे बनता है?
इसे सुनेंरोकेंजैसे- कपास के पौधे से सूती कपड़ा (Cotton) , अलसी के पौधे से लिनन का कपड़ा (Linen) , रेशम के कीड़ों से रेशम/ सिल्क (Silk) प्राप्त होता है। इनकी सबसे खास बात ये होती है कि प्राकृतिक रेशे से बना कपड़ा स्किन को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने का काम नहीं करता है
ब्रिटेन को दुनिया का कारखाना क्यों कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआधुनिक विश्व में औद्योगिक क्रांति की दृष्टि से ये दोनों ही उद्योग बहुत महत्त्वपूर्ण थे। सूती कपड़े के मशीनी उत्पादन ने ही उन्नीसवीं सदी में ब्रिटेन को दुनिया का सबसे प्रमुख औद्योगिक राष्ट बना दिया था। 1850 के दशक से जब ब्रिटेन का लोहा और इस्पात उद्योग भी पनपने लगा तो ब्रिटेन “दुनिया का कारखाना” कहलाने लगा।
यूरोप में सबसे पहले कारखाना कब और कहा खुली *?
इसे सुनेंरोकेंकारखानों की शुरुआत सबसे पहले इंगलैंड में कारखाने 1730 के दशक में बनना शुरु हुए।
सूती धागा और सोने के तार से बनने वाले वस्त्रों को क्या कहा जाता था?
इसे सुनेंरोकेंबाद में हर तरह के सूती कपड़े को कैलिको ही कहा जाने लगा।
सूती कपड़े को क्यों उत्तम मानते हैं?
इसे सुनेंरोकेंशुद्ध सूती कपड़े अच्छी गर्मी प्रतिरोधी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब तापमान 110 डिग्री सेल्सियस से कम होता है, तो ऐसे मौसम में ये शरीर को पूरी तरह बचाने का काम करता है। इसके अलावा धोने के बाद भी इनकी गुणवत्ता बरकरार रहती है जो कि अन्य फाइबर के कपड़ों में नहीं मिलती