प्रत्यक्ष कौन समाज है?

प्रत्यक्ष कौन समाज है?

इसे सुनेंरोकेंन्याय दर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष का अर्थ इंद्रियार्थसंन्निकर्षजन्य ज्ञानम् प्रत्यक्षम् यह है। प्रत्यक्ष ज्ञान की उत्पत्ति कुछ इस प्रकार होती है। इनमें से आत्मा, मन और इंद्रिय का संयोग रूप जो ज्ञान का करण या प्रमाण है वही प्रत्यक्ष है। वस्तु के साथ इंद्रिय-संयोग होने से जो उसका ज्ञान होता है उसी को ‘प्रत्यक्ष’ कहते हैं।

प्रत्यक्ष परिवर्धन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्यक्ष कर वे कर हैं जो उन प्राधिकरण को भुगतान किए जाते हैं जो इसे बिना किसी मध्यस्थ के लगाता है

प्रत्यक्ष प्रमाण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवस्तु के साथ इंद्रिय- संयोग होने से जो उसका ज्ञान होता है उसी को ‘प्रत्यक्ष’ कहते हैं। गौतम ने न्यायसूत्र में कहा है कि इंद्रिय के द्वारा किसी पदार्थ का जो ज्ञान होता है, वही प्रत्यक्ष है। जैसे, यदि हमें सामने आग जलती हुई दिखाई दे अथवा हम उसके ताप का अनुभव करें तो यह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि ‘आग जल रही है’।

प्रत्यक्ष का समास विग्रह क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: pratyaksh shabd ka samas vigrah hota hai aankhon ke samne

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के बीच महत्वपूर्ण अंतर प्रत्यक्ष कर व्यक्ति की आय और धन पर लगाया जाता है जबकि अप्रत्यक्ष कर उस व्यक्ति पर लगाया जाता है जो वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करता है। प्रत्यक्ष कर का भार गैर-हस्तांतरणीय है जबकि अप्रत्यक्ष कर का हस्तांतरणीय है।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिवर्धन में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंअंडजनक एवं जरायुज द्वारा उत्पन्न अंडे या बच्चों की संख्या बराबर नहीं होती क्योंकि अंडजनक का निषेचन बाह्य होता है तथा परिवर्धन अप्रत्यक्ष होता है। जरायुज मादाओं द्वारा कम संख्या में शिशु उत्पन्न किये जाते हैं। शिशुओं का माता की गर्भाशय में प्रत्यक्ष परिवर्धन होता है

अनुमान प्रमाण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दर्शन में ज्ञानप्राप्ति के साधनों का नाम प्रमाण है। अनुमान भी एक प्रमाण है। प्रत्यक्ष (इंद्रिय सन्निकर्ष) द्वारा जिस वस्तु के अस्तित्व का ज्ञान नहीं हो रहा हैं उसका ज्ञान किसी ऐसी वस्तु के प्रत्यक्ष ज्ञान के आधार पर, जो उस अप्रत्यक्ष वस्तु के अस्तित्व का संकेत इस ज्ञान पर पहुँचने की प्रक्रिया का नाम अनुमान है।

भरपूर का समास विग्रह क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंहिंदी व्याकरण में जब कभी भी दो या उससे अधिक शब्दों का मेल होता है और एक नया शब्द बनता है तो उसे हम समास के नाम से जानते हैं। ऐसी ही एकऐसी प्रक्रिया जिसके उपयोग से एक समस्त पद को दो सार्थक शब्दों में बांटा जाता है को समास विग्रह के नाम से जानते हैं। दिया गया शब्द “भरपूर” अव्ययीभाव समास का एक उदाहरण है