भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची क्या है?

भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयह संविधान विश्व के श्रेष्ठतम संविधानों में एक माना जाता है। इसकी तमाम खूबियों में एक खूबी पांचवी अनुसूची भी है। पांचवी अनुसूची 10 राज्यों के आदिवासी इलाकों में लागू है। यह अनुसूची स्थानीय समुदायों का लघु वन उत्पाद, जल और खनिजों पर अधिकार सुनिश्चित करती है

एसटी को कितना प्रतिशत आरक्षण है?

इसे सुनेंरोकेंसाल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया कोटा में आरक्षण लागू किया और राज्य सरकार की तरह ही केंद्र सरकार के हिस्से की सीटों पर भी आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए. इसमें 7

5 वी 6 वीं अनुसूची क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंविधान की अनुसूची 5 के पैराग्राफ 6/(2) के अनुसार राष्ट्रपति किसी भी समय राज्य के राज्यपाल की सलाह के बाद एक राज्य में किसी अनुसूचित क्षेत्र में वृद्धि का आदेश दे सकते हैं, किसी राज्य और राज्यों के संबंध में इस पैराग्राफ के अंतर्गत जारी आदेश और आदेशों को राज्य के राज्यपाल की सलाह से निरस्त कर सकते हैं और अनुसूचित …

आदिवासी पांचवी अनुसूची क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारत के संविधान में पांचवी अनुसूची के जरिये आदिवासी क्षेत्रों (अनुसूचित क्षेत्रों) के तहत एक ऐसी व्यवस्था बनाने की पहल की गई, जिनसे आदिवासी/आदिम जनजाति समुदायों के साथ होते रहे अन्याय और उपेक्षा को खत्म किया जा सके और उनकी अस्मिता की सुरक्षा के साथ वे अपनी व्यवस्थाएं भी बरकरार रख सकें

एससी एसटी आरक्षण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की नीतियों में उन सभी शर्तों को पूरा करना होगा, जो शीर्ष अदालत की अलग-अलग संविधान पीठ ने पिछले दो फैसलों में तय की हैं। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह साफ कर दिया कि वह एम

पिछड़ा वर्ग में कौन कौन सी जाती आती है?

ओबीसी वर्ग में आने वाली जातियां (Castes in OBC Category)

  • अहीर (यादव)
  • बड़वा, भाट
  • जांगिड़, खाती
  • बगारिआ
  • बंजारा, बलादिआ, लबाना
  • भारभुजा
  • चरण
  • छिप्पा (छिपी), भावसार

भारत में किसको कितना आरक्षण है?

इसे सुनेंरोकेंभारत की केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण दे रखा है और विभिन्न राज्य आरक्षणों में वृद्धि के लिए कानून बना सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार 50% से अधिक आरक्षण नहीं किया जा सकता, लेकिन राजस्थान जैसे कुछ राज्यों ने 68% आरक्षण का प्रस्ताव रखा है, जिसमें अगड़ी जातियों के लिए 14% आरक्षण भी शामिल है।