किस अपराध में कौन सा धारा लगता है?

किस अपराध में कौन सा धारा लगता है?

इसे सुनेंरोकेंमृत्यु दण्डादेश का रूपांतरण। चोरी। विधिविरुद्ध जमाव। ठगी करना

हमारे देश में कुल कितनी धाराएँ हैं?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता( आईपीसी )में धाराओं की संख्या 511 है। भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को बंद कर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।

भारत की दंड संहिता में कितनी धाराएँ हैं?

इसे सुनेंरोकेंधारा 56 – य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा। धारा 60 – दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा। धारा 61 – सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश। धारा 62 – मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की बाबत सम्पत्ति का समपहरण ।

धारा 182 211 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसीव्यक्ति की ओर से झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर धारा 182 211 भादंसं में इस्तगासा पेश करने का प्रावधान पहले से ही है। धारा 182 के तहत किसी ने झूठी गवाही दी हो तथा धारा 211 के तहत किसी ने गलत सूचना दर्ज कराई हो तो कार्रवाई होती है। इस्तगासा पेश होने के बाद ऐसे मामलों में न्यायालय में 6 माह की सजा का प्रावधान भी है।

हाथ पैर तोड़ने पर कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंक्या है आईपीसी की धारा 259 तो दोषी पाए जाने पर उसे कारावास की सजा हो सकती है. जिसकी अवधि अधिकतम 7 वर्ष हो सकती है या जुर्माना भी हो सकता है या फिर दोनों भी मिल सकते हैं

संविधान के भाग 25 में क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारत का संविधान (Constitution of India) भाग 25: भारत के संविधान के अंतर्गत संसद की संविधान संशोधन करने की शक्ति तथा संशोधन की प्रक्रिया26 फ़र॰ 2021

भारतीय संविधान में कितनी धाराएँ हैं PDF?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान माना जाता है। भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 395 अनुच्छेद (Paragraphs), तथा 12 अनुसूचियां हैं और इन्हे 25 भागों में विभाजित किया गया है। भारत के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों की सूची पीडीएफ में डाउनलोड करें!23 अप्रैल 2021

धारा 308 में कितने साल की सजा?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 308 के अनुसार, जो भी कोई इस तरह के इरादे या बोध के साथ ऐसी परिस्थितियों में कोई कार्य करता है, जिससे वह किसी की मृत्यु का कारण बन जाए, तो वह गैर इरादतन हत्या (जो हत्या की श्रेणी मे नही आता) का दोषी होगा, और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या …