सीमा शुल्क से क्या अभिप्राय है इसके प्रकार लिखिए?

सीमा शुल्क से क्या अभिप्राय है इसके प्रकार लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंसीमा शुल्क उस कर को संदर्भित करता है जो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार माल के परिवहन पर लगाया जाता है। यह एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है जो सरकार द्वारा वस्तुओं के आयात और निर्यात पर लगाया जाता है। कंपनियों निर्यात-आयात व्यवसाय में इन नियमों का पालन करने और आवश्यकतानुसार सीमा शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है

टैरिफ मूल्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रशुल्क या टैरिफ, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में लगाए जाने वाला कर है जो आमतौर पर 5% तक होते हैं लेकिन किसी भी देश द्वारा घरेलू उद्योगों अथवा उत्पादों के संरक्षण के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है। सामान्यतः प्रशुल्क आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है। टैरिफ अर्थात् प्रशुल्क, आयात या निर्यात पर लगाया जाने वाला टैक्स अर्थात् कर है।

क्या उत्पाद शुल्क अपने गुण और दोष की व्याख्या और उसके विभिन्न प्रकार की व्याख्या है?

उत्पाद शुल्क क्या होता है

  • “उत्‍पाद शुल्‍क” एक अप्रत्‍यक्ष कर होता है, जो प्रमुख रूप से भारत में विनिर्माण की जाने वाली उन वस्‍तुओं पर लगाया जाता है जो घरेलू खपत के लिए होती हैं।
  • सन 1994 में ‘केंद्रीय उत्पादन शुल्क और नमक अधिनियम’ (Central Excises and Salt Act) सेक्शन 3 के अंतर्गत यह कर लागू कर दिया गया था।

सीमा शुल्क कानून की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंसीमा शुल्क के आधार भारत से बाहर अन्य देशों को जो माल विदेश व्यापार के अंतर्गत भेजा जाता है, उस पर निर्यात शुल्क लगाया ही नही जाता या अत्यन्त न्यूनतम दर पर लगाया जाता है। सरकार जिन वस्तुओं का निर्यात प्रतिबन्धित करना चाहती है, उन पर ऊंची दरों से निर्यात शुल्क लगाती है, ताकि माल देश के बाहर नही जा सकें

टैरिफ और गैर टैरिफ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवे सभी शुल्क जो कि आयात या निर्यात शुल्क नहीं है, गैर-टैरिफ की श्रेणी में आते हैं। उदाहरण के तौर पर आयात कोटा, सब्सिडी, तकनीकी बाधाएँ या आयात लाइसेंसिंग, सीमा शुल्क पर माल के मूल्यांकन के लिये नियम, पूर्व शिपमेंट निरीक्षण इत्यादि।

प्रशुल्क क्यों लगाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रशुल्क क्यों लगाए जाते हैं? उत्तर : प्रशुल्क घरेलू वस्तुओं की तुलना में आयातित वस्तुओं को महँगा बनाने के लिए लगाए जाते हैं। इससे घरेलू वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है तथा विदेशी वस्तुओं की माँग कम हो जाती है। यह घरेलू उद्योग की रक्षा के दृष्टिकोण से लगाए जाते हैं

केंद्रीय आबकारी शुल्क की गणना कैसे की जाती है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंकेंद्रीय उत्पाद शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर है जिसका उद्ग्रहण भारत में विनिर्मित माल से किया जाता है । केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून के अधीन विनिर्मित माल कर योग्य है और जैसे ही माल विनिर्मित होते हैं वैसे ही उन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की देयता निर्धारित हो जाती है

केंद्रीय उत्पाद शुल्क से आप क्या समझते हो?

इसे सुनेंरोकेंइन्हीं को आगे केन्द्रीय उत्पाद शुल्क मैन्युअल में परिभाषित किया गया है जो कि एक प्रकाशित दस्तावेज है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क उन सभी वस्तुओं पर (विशेष आर्थिक जोन में उत्पादित माल को छोड़कर) जो भारत में उत्पादित या निर्मित की जाती है,केन्द्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम,1985 में विनिर्दिष्ट दरों पर देय होता है ।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम के अंतर्गत निर्माता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकेंद्रीय उत्‍पाद शुल्क नियमावली में यह उपबंध है कि ऐसा प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो किन्‍हीं उत्‍पाद शुल्‍क योग्‍य वस्‍तुओं का उत्‍पादन अथवा विनिर्माण करता है अथवा इन वस्‍तुओं का उत्‍पादन अथवा विनिर्माण करता है अथवा इन वस्‍तुओं का भांडागार में संचयन करता है, इन वस्‍तुओं पर देय शुल्‍क का भुगतान इन नियामवली अथवा अन्‍य किसी नियम …

केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत निर्माता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंकेंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 की धारा 32 के तहत निपटान आयुक्त का गठन किया गया था। अधिसूचना संख्या 40/99-सीएक्स। (NT), दिनांक 09.06.1999 को, निपटान आयोग की स्थापना को अधिसूचित किया गया। अध्याय V में अनुभागों के विभिन्न प्रावधान निपटान आयोग के कामकाज का विवरण प्रदान करते हैं।