बहीखाता तथा लेखाकर्म के कितने प्रकार होते हैं?

बहीखाता तथा लेखाकर्म के कितने प्रकार होते हैं?

पुस्तपालन (बुककीपिंग) तथा लेखाकर्म (एकाउण्टैंसी) में अन्तर

क्रमांक भेद का क्षेत्र
(३) क्षेत्र
(४) कार्य की प्रकृति
(५) परस्पर निर्भरता
(६) निर्णयन

बहीखाता कितने प्रकार के होते हैं?

खाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं।

  • व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
  • वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account)
  • अवस्तुगत या आय व्यय से संबंधित या नाम मात्र का खाता (Nominal Account)

खाता बही का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंखाता-बही या लेजर (ledger) उस मुख्य बही (पुस्तक) को कहते हैं जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। आजकल यह कम्पयूटर-फाइल के रूप में भी होती है। खाता बही में सभी लेन-देन को खाता के अनुसार लिखा जाता है जिसमें डेबित और क्रेडित के के दो अलग-अलग कॉलम होते हैं।

आप बुक कीपिंग या फार्म अकाउंटेंसी से क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंजहाँ एकाउंटिंग की प्रक्रिया उपयोग किसी कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड, वित्तीय आंकड़ों की व्याख्या, वर्गीकरण, रिपोर्टिंग के लिए की जाती है, वहीं बुककीपिंग (bookkeeping) एक सहज उपदे से वित्तीय लेनदेन की हिसाब रखने की प्रक्रिया के और निर्देशित करता है

बहीखाता और लेखांकन में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंबहीखाता पद्धति को कंपनी के वित्तीय लेनदेन को व्यवस्थित तरीके से रिकॉर्ड करने की एक गतिविधि है। लेखांकन एक विशेष अवधि के लिए एक संगठन के वित्तीय मामलों की एक व्यवस्थित रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग है। बहीखाता पद्धति किसी संगठन की वित्तीय स्थिति को नहीं दर्शाती है। लेखांकन स्पष्ट रूप से इकाई की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

बहीखाता से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंकार्टर के अनुसार ” बहीखाता उन समस्त व्यापारिक व्यवहारों को जिनमें मुद्रा के मूल्य का हस्तान्तरण होता है ,लेखा पुस्तकों में सही प्रकार से लिखने की कला व विज्ञान है।” श्री डावर के अनुसार ” एक व्यापारी की बही खाते की पुस्तकों में क्रय विक्रय के व्यवहारों को वर्गीकृत रूप में लिखने की कला का नाम बहीखाता है।”15 सित॰ 2020

बहीखाता के जनक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंरोमन साम्राज्य में लेखांकनरेस गेस्टा डिवी अगस्टी (Res Gestae Divi Augusti) (लैटिन में: द डीड्स ऑफ़ द डिवाइन ऑगस्टस”) अर्थात् “दिव्य ऑगस्टस के अलौकिक कर्म” रोमन लोगों के लिए सम्राट ऑगस्टस के प्रबंधन का एक उल्लेखनीय लेखा-जोखा है

खाता बही रखने के क्या लाभ हैं?

निम्नलिखित बही के लाभ :

  • खाता-बही से सम्पत्तियों एवं पूँजी व दायित्वों के संबंध में भी जानकारी लिखी जाती है|
  • खाता-बही से व्यक्तिगत खाता, वास्तविक खाता तथा नाममात्र खाता से संबंधित सभी खातों की अलग-अलग एवं पूर्व जानकारी लिखी जाती है|
  • खाता-बही से हमें इस बात का पता चलता है कि हमें किस व्यक्ति को कितना लेन-देन करना है|

एक व्यवसाय का खाता बही क्या है?

इसे सुनेंरोकेंखाता बही एक ऐसी लेखा पुस्तक है जिसमें विभिन्न खाते दिए होते हैं, जिन में किसी व्यावसायिक उद्यम के विभिन्न लेन-देनों की खतौनी की जाती है। गया है। यह लेखांकन प्रणाली की संदर्भ पुस्तक है। इसे लेन-देनों के वर्गीकरण एवं संक्षिप्तिकरण के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे वित्तीय विवरण बनाए जा सकते हैं।

लेखांकन में क्या लिखा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंकुल मिलाकर कितना खर्च हुआ कितना आमदनी हुआ किन-किन लोगों पर कितना वकाया है तथा लाभ या हानि कितना हुआ, इन समस्त जानकारियों को हासिल करने के लिए व्यवसायी अपने वही में घटित घटनाओं को लिखता रहता है । यही लिखने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । अतः व्यवसाय के वित्तीय लेन-देनों को लिखा जाना ही लेखांकन है ।

दोहरा लेखा प्रणाली से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंDouble entry system in hindi :- दोहरा लेखा प्रणाली एक वैज्ञानिक और पूर्ण विधि है , जिसके द्वारा वयवसाय के वित्तीय लेन -देनो के लेखे किये जाते है , यह विधि एक सुनिश्चित और स्पष्ट नियम पर आधारित है इस कारण इस नियम का प्रयोग पुरे विश्व में लगभग सभी देशो में किया जाता है

लेखांकन प्रमाप से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें“लेखांकन प्रमाप वह नीति गति प्रपत्र है जो मान्य लेखांकन निकाय द्वारा निर्गमित किया जाता है जिसमें लेखांकन व्यवहार घटनाओं के विभिन्न पहलू मापन, प्रबन्ध एवं प्रकटीकरण से सम्बन्धित होते हैं।” उपरोक्त परिभाषा से यह स्पष्ट है कि वित्तीय विवरण के प्रारूप के तैयार करने में लेखांकन प्रमाप का विशेष योगदान होता है