करोड की ठोस अवस्था होने का क्या कारण है?

करोड की ठोस अवस्था होने का क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंअपनी अधिक संपीडन सामर्थ्य के कारण ही गैसें जिस बरतन में रखी जाती हैं उसे वे पूर्णतया भर देती हैं। ठोस का आयतन दाब के घटाने बढ़ाने से बहुत कम बदलता है और इसका आकार भी निश्चित होता है। ठोसों में कर्तनविकार (shear strain) हो सकता है, जब कि गैस या द्रव में यह गुण उपस्थित नहीं होता।

ठोस का आयतन निश्चित क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंठोस के अवयवी कणों की स्थितियाँ नियत होती हैं। ठोस के अवयवी कण क्लोज पैक्ड (निविड संकुलित) होते हैं तथा उनके बीच बहुत ही कम स्थान रिक्त होता है। ये कण केवल अपनी माध्य स्थितियों के चारों ओर दोलन करते हैं। इन्हीं कारणों से ठोसों का आयतन निश्चित होता है

आयनिक ठोस का उदाहरण क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1) हीरा (2) ताँबा (3) शुष्क बर्फ (4) सोडियम क्लोराइड26 मार्च 2019

ठोस द्रव और गैस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैसे निश्चित आकार, निश्चित आयतन, प्रवाहित होना वगैरह। यदि पदार्थ का आकार निश्चित है तो हम उसे ठोस कहते हैं। यदि पदार्थ बर्तन का आकार ग्रहण कर ले तो वह तरल होता है। इसके बाद यदि किसी पदार्थ को आसानी से दबाया-फैलाया जा सकता है तो वह गैस है, अन्यथा द्रव।

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सहसंयोजक ठोस का उदाहरण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवे ठोस जिनमें समान प्रकार के परमाणु तथा भिन्न प्रकार के परमाणु आपस में जुड़कर सहसंयोजक नेटवर्क बनाते है और इस प्रकार के नेटवर्क से बने ठोसों को सहसंयोजक ठोस या नेटवर्क ठोस कहते है। उदाहरण : हीरा , ग्रेफाईट , सिलिका आदी सहसंयोजक ठोस या नेटवर्क ठोस के उदाहरण है। ..

द्रव्य और द्रव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंद्रव्य की तरल अवस्था ठोस और गैस के बीच की मध्यवर्ती अवस्था होती है। एक ठोस के कणों की तरह, एक तरल में कण अंतर-आणविक आकर्षण के अधीन होते हैं; हालांकि, तरल कणों के बीच अधिक जगह होती है, इसलिए वे स्थिति में स्थिर नहीं होते हैं। द्रव में कणों के बीच आकर्षण द्रव का आयतन स्थिर रखता है

गैस का परिभाषा क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंगैस की परिभाषा – What is Gas? द्रव्य की वह अवस्था जिसका कोई निश्चित आकार और आयतन नही होता है, उसे गैस कहते है। गैस के परमाणु ठोस और द्रव के मुक़ाबले बहुत ही ज़्यादा दूर दूर और अनियमित रूप से जुड़े हुये होते हैं।