निदानात्मक परीक्षण का उद्देश्य क्या है?

निदानात्मक परीक्षण का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकें1) “निदानात्मक परीक्षण व्यक्ति की जाँच करने के पश्चात् किसी एक या अधिक क्षेत्रों में उसकी विशेषताओं एवं कमियों को व्यक्त करता है।” 1) अध्यापक को अपनी अध्यापन प्रक्रिया में समुचित सुधार लाने हेतु परान प्रदान करना।

निदान और उपचार में क्या संबंध है?

इसे सुनेंरोकेंनिदान का बहुत महत्व है। जब तक रोग की सटीक पहचान न हो जाए, तब तक सही दिशा में उपचार असंभव है। इसलिए पुराने ग्रंथों में निदान अध्याय बहुत वृहद होता था और उपचार अध्याय सीमित। कारण यह है कि यदि निदान सटीक हो गया तो उपचार भी सटीक होगा ही।

क्या परीक्षण का उद्देश्य है?

इसे सुनेंरोकेंचरण 1: शोधकर्ता पहली बार लोगों के एक छोटे से समूह (20 से 80 लोगों) में प्रायोगिक दवा या उपचार का परीक्षण करते हैं। इसका उद्देश्य दवा या उपचार के सुरक्षित होने का मूल्यांकन करना एवं उसके साइड इफ़ेक्ट्स की पहचान करना होता है। इस समय प्रभाविकता अपेक्षित नहीं होती है।

निदानात्मक का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंनिदानात्मक परीक्षण की परिभाषा (Definition of Diagnostic Test) गुड़ के अनुसार -“निदान का अर्थ हैं-अधिगम संबंधित समस्याओं एवं कमियों के स्वरूप का निर्धारण।” मरसेल के अनुसार -“जिस शिक्षण में छात्रों की विशिष्ट समस्याओं का निदान करने हेतु विशेष प्रयास किए जाते हैं उसे निदानात्मक परीक्षण कहा जाता हैं।”

मूल्यांकन का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं में सुधार, मूल्यांकन के मुख्य उद्देश्यों में से एक है क्योंकि यह शैक्षिक नियोजन के लिए, विश्वसनीय निर्णय लेने और सीखने की प्रक्रिया की प्रभावशीलता को निर्धारित करने पर केंद्रित है। मूल्यांकन के अन्य उद्देश्य: नैदानिक और उपचारात्मक शिक्षण के माध्यम से सीखने को बढ़ावा देना

निष्पत्ति परीक्षण कब किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंनिष्पत्ति परीक्षण सापेक्षिक रूप से मानकीकत अनभव समच्चय (Set) के प्रभाव ठयक्रम, त्रिकाणामात या कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग का अध्ययन करते हैं, जबकि आ जीवन के अनेक सकलित अनुभवों के प्रभाव को दर्शाते हैं। हम कह सकत । चा म आधगम के प्रभाव को दर्शाते हैं जबकि निष्पत्ति परीक्षण रिस्थितियों में अधिगम के प्रभाव को दर्शाते हैं।

नैदानिक पोषण उपचार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआंत्र रोग आदि में उत्तेजक और स्वाद में दृढ़ मसालों एवं सुगंधित फलों और सब्जियों से परहेज किया जाता है। कुछ ऐसी स्थितियां हो सकती हैं जिनमें रोगियों को कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है। मधुमेह जैसे विकारों में, रोग की स्थिति का ध्यान रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन की मात्रा को संतुलित करना पड़ता है।

सभी रोगों की जड़ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंक्रोनिक सूजन ऐसी बीमारी है जिसे आम तौर पर मामूली समझा जाता है मगर दरअसल ये सभी बड़ी बीमारियों की जड़ होती है. एक रिपोर्ट में विशेषज्ञ जेम्स डिलियर्ड के हवाले से बताया गया है कि ‘तमाम बड़ी बीमारियां हार्ट अटैक, कैंसर और शुगर इत्यादि में एक कारण बराबर नजर आता है और यही पुराना सूजन का हिस्सा होता है”

उपलब्धि परीक्षण का जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकें1. प्रेसी, रॉबिन्सन व हॉरक्स के अनुसार :- उपलब्धि परीक्षाओं का निर्माण मुख्य रूप से छात्रों के सीखने के स्वरूप और सीमा का माप करने के लिए किया जाता है।

ल्यूकास परीक्षण क्या होता है इसका क्या उपयोग है?

इसे सुनेंरोकेंनोट – ल्यूकास परीक्षण केवल उन ऐल्कोहॉलों के लिए उपयुक्त है जो अभिकर्मक में घुलनशील होती हैं क्योंकि परीक्षण ऐल्किल हैलाइडों के अलग परत में पृथक होने पर आधारित है। m-क्रिसॉल नीलालोहित सामान्यतः नीला रंग जो उत्पन्न होने में अधिक समय लेता है

रेमेडियल शिक्षण क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंरेमेडिटल टीचिंग यानि उपचारात्मक शिक्षण में शिक्षक, विद्यार्थियों की अधिगम संबंधी त्रुटियों को दूर करके, उनको ज्ञानार्जन की उचित दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास करते हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को संबंधित विषय में दक्ष बनाने के साथ उनमें विषय के शिक्षण के प्रति लगाव उत्पन्न करना है

निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउपचारात्मक शिक्षण का तात्कालिक लक्ष्य, छात्र की अधिगम समस्या तथा कठिनाई को हल करना है तथा अन्तिम लक्ष्य छात्रों में स्वामित्व अधिगम में सहायता प्रदान करना है। मूल्यांकन की प्रक्रिया निदान तथा उपचार की प्रत्येक अवस्था पर प्रयोग की जाती है।