काव्य कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकाव्य दो प्रकार का माना गया है, दृश्य और श्रव्य। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय द्वारा दिखलाया जाय, जैसे, नाटक, प्रहसन, आदि जो पढ़ने और सुनेन योग्य हो, वह श्रव्य है। श्रव्य काव्य दो प्रकार का होता है, गद्य और पद्य।
दृश्य वर्णन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदृश्य-वर्णन संज्ञा अर्थ : किसी दृश्य का किया गया वर्णन। उदाहरण : मुंशी प्रेमचंद दृश्यवर्णन में सिद्धहस्त थे।
प्राकृतिक दृश्य से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक दृश्य भूमि के किसी एक हिस्से की सुस्पष्ट विशेषताएं हैं, जिनमें इसके प्राकृतिक स्वरूपों के भौतिक तत्त्व, जल निकाय जैसे कि नदियाँ, झीलें एवं समुद्र, प्राकृतिक रूप से उगनेवाली वनस्पतियों सहित धरती पर रहने वाले जीव-जंतु, मिट्टी से बनी उपयोगी मानव निर्मित वस्तुओं सहित भवन एवं संरचनाएं और अस्थायी तत्त्व जैसे कि …
काव्य के कितने भाग है?
इसे सुनेंरोकेंकाव्य दो प्रकार का माना गया है, दृश्य और श्रव्य। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय द्वारा दिखलाया जाय, जैसे, नाटक, प्रहसन, आदि जो पढ़ने और सुनेन योग्य हो, वह श्रव्य है। श्रव्य काव्य दो प्रकार का होता है, गद्य और पद्य। पद्य काव्य के महाकाव्य और खंडकाव्य दो भेद कहे जा चुके हैं।
दृश्य चित्र के लिए क्या आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंचित्रकार को अनन्त प्रकृति में से कुछ ही बिन्दु आकर्षित कर पाते हैं। इन आकर्षक बिन्दुओं को जब वह चित्र रूप में परिणित करता है, तो वह दृश्य चित्र कहलाता है। चित्रकार इसे जल रंग, तेल रंग, एक्रेलिक, पेस्टल, छापा कला के माध्यम से सृजित करता है। अतः दृश्य चित्रण में भी प्रकृति या पर्यावरण की नकल ही की जाती है
दृश्य क्या है इसके विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंदृश्यों के प्रकार तीन प्रकार के दृश्य होते हैं: व्यक्तिगत, सिस्टम, और सार्वजनिक. यह विषय सिस्टम व्यवस्थापकों और सिस्टम अनुकूलकों द्वारा सिस्टम और सार्वजनिक दृश्यों के साथ कार्य करने के तरीके के बारे में है
प्रकृति से मनुष्य को क्या क्या लाभ होते हैं चार से पाँच वाक्यों में लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंप्रकृति से ही हमें पीने को पानी, शुद्ध-हवा, जीव-जंतु, पेड़-पौधे, अच्छा भोजन और रहने को घर मिलता है जिससे मनुष्य एक बेहतर और अच्छा जीवन व्यतीत कर पाता है। पृथ्वी के हर एक मनुष्य को पारिस्थितिकी संतुलन को बिगाड़े बिना इस सुंदर प्रकृति का आनंद उठाना चाहिए
प्राकृतिक एवं मानव निर्मित वस्तुओं से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रकृति से हमें अनेक वस्तुएँ प्राप्त होती हैं। प्रकृति द्वारा प्रदत्त वस्तुओं को प्राकृतिक वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- पहाड़, नदियाँ, समुद्र, झीलें मिट्टी, वायु आदि। (UPBoardSolutions.com) जो वस्तुएँ मनुष्य द्वारा निर्मित की जाती हैं, उन्हें मानव निर्मित वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- वस्त्र, कृषि-यन्त्र, मकान, साबुन, सीमेंट आदि