योजना की आवश्यकता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयोजना एक बौद्धिक रूप से मांग की प्रक्रिया है। इसमें उद्देश्य, ज्ञान और विचार किए गए अनुमानों पर कार्रवाई के पाठ्यक्रम और निर्णय की स्थापना के प्रति सचेत दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। योजना वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए क्रियाओं के पाठ्यक्रम का निर्धारण है।
प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?
इसे सुनेंरोकेंसंगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं।
गणित शिक्षण में पाठ योजना की क्या उपयोगिता है?
इसे सुनेंरोकेंपाठ योजना शिक्षक को पाठ्यक्रम की इकाई के प्रत्येक पद को क्रमानुसार याद करने में सहायता करती है। पाठ योजना कक्षा पर नियन्त्रण तथा प्रेरणा के आधार पर शिक्षण प्रक्रिया के नियोजन में सहायक है। पाठ योजना के माध्यम से बालकों के पूर्व ज्ञान के आधार पर प्रश्नों का निरर्धारण किया जा सकता है।
योजना क्या है योजना के कोई चार उद्देश्य लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंयोजना के उद्देश्य के प्रमुख बिन्दु निम्नवत् हैं- भारतीय-इतिहास में विद्यमान विकृतियों को दूर करना । भारतीय-संस्कृति, प्राच्यविद्या एवं पूर्वजों की विशिष्ट उपलब्धियों के प्रति सामान्य व्यक्ति के हृदय में आदर-अनुराग, अभिरुचि एवं चेतना उत्पन्न करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
स्थानिक नियोजन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकेंद्र, राज्य तथा जिला स्तर पर योजनाओं को तैयार करने की जिम्मेदारी योजना आयोग की थी। विकास का यह असमान प्रतिरूप (Pattern) सुनिश्चित करता है कि नियोजक एक स्थानिक परिप्रेक्ष्य अपनाएँ तथा विकास में प्रादेशिक असंतुलन कम करने के लिए योजना बनाएँ। इस प्रकार के नियोजन को प्रादेशिक नियोजन कहा जाता है।
भारत में सामाजिक नियोजन का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंसामाजिक नियोजन का सम्बन्ध मुख्य रूप से सामाजिक व्यवस्था में मानवीय विकास की वृद्धि करना, विभिन्न सामाजिक समस्याओं को सुलझाना तथा ऐसे साधन उत्पन्न करना है जिनसे मानव जीवन अधिक समृद्धिशाली एवं समन्वित हो सके । सामाजिक नियोजन नीति का एक महत्वपूर्ण अंग होने के कारण एक प्रकार का सामूहिक निर्णय है ।
विकेंद्रित नियोजन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविकेन्द्रीकृत नियोजन प्रक्रिया मंे नियोजन को केन्द्र से स्थानीय स्तर की और अग्रसर किया जाता है। लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण अथवा पंचायती राज संस्थाओं की योजना प्रस्तुत करते हुए तीन स्तर क्रमशः ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, खंड स्तर पर पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर जिला परिषद का गठन किया गया है।