कृष्णा सोबती बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थी?

कृष्णा सोबती बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पोलिश करने का काम करती थीं

कृष्णा सोबती का बचपन कहाँ बीता?

इसे सुनेंरोकेंबचपन 7 याद रहे, उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफ़ोन थे, रेडियो और टेलीविजन नहीं थे। हमारे बचपन की कुलफ़ी आइसक्रीम हो गई है। कचौड़ी-समोसा, पैटीज़ में बदल गया है। शहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत कोक-पेप्सी में।

लेखिका अपने बचपन में कौन कौन सी चीजें मजा ले ले कर खाती थी उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे

लेखिका के चश्मे के बारे में लोग क्या कहते हैं बचपन पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए?

इसे सुनेंरोकेंपाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!28 अग॰ 2019

संस्मरण से 1 लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थीं?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पोलिश करने का काम करती थीं। 3. ‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है

चश्मा लगाने पर लेखिका को चिढ़ाते हुए भाई ने क्या कहा *?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका बचपन में रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करती थी जिसके कारण उनकी आंखों की रोशनी कम होने लगी और उन्हें चश्मा लगाना पड़ा । चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें लंगूर कहकर चिढ़ाते थे ।

चश्मा लगाने पर लेखिका कृष्णा सोबती को चिढ़ाते हुए भाई ने क्या कहा?

इसे सुनेंरोकेंचश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? उत्तर:- दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। जब पहली बार लेखिका ने चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई ने उसे छेड़ते हुए कहा कि, देखो! कैसी लग रही है!

बचपन पाठ की लेखिका के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंउम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में अनेक बदलाव आए। पहले वे रंग-बिरंगे कपडे पहनती थीं जैसे नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी परन्तु अब हलके रंग पहनने लगीं है। पहले वे फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे पहनती थीं परंतु अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते पहनने लगीं। लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?22 अक्तू॰ 2015

बचपन पाठ की लेखिका का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न १- बचपन पाठ की लेखिका कौन है? उत्तर – बचपन पाठ की लेखिका कृष्णा सोबती जी हैं।

हफ्ते में लेखिका को एक बार क्या खरीदने की छूट थी?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका को हफ्ते मे एक बार ही चॉकलेट खरीदने की छूट थी और सबसे ज़्यादा चॉकलेट लेखिका के पास रहता था। लेखिका को हफ्ते मे एक बार ही चॉकलेट खरीदने की छूट थी और सबसे ज़्यादा चॉकलेट लेखिका के पास रहता था

चश्मा लगने पर लेखिका को लोग क्या सलाह देते थे?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न-9 चश्मा लगने के कारण लोग लेखिका को क्या पीने की सलाह देते थे? उत्तर – चश्मा लगने के कारण लोग लेखिका को दूध पीने की सलाह देते थे। उत्तर – हर शनीचर को लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था।

लेखिका बचपन रविवार के दिन में कौन कौन से काम करती थी और रविवार के दिन आप कौन कौन से काम करते हो?

इसे सुनेंरोकेंAnswer : बचपन में लेखिका रविवार की सुबह अपने मोजे धोने में व्यस्त रहती थी। मोजे नौकर या नौकरानी को धोने के लिए देने की सख्त मनाही थी। मोजे धोने के बाद जूते पर पॉलिश करके उसे कपड़े या फिर ब्रश से चमकाने का काम करती थी।