चाल समय और दूरी में क्या संबंध है?
इसे सुनेंरोकेंवस्तुत: किसी वस्तु की चाल वस्तु द्वारा निश्चित समय में चली गई दूरी के अनुपात के बराबर होती है। इस प्रकार इकाई समय में वस्तु द्वारा चली गई दूरी वस्तु की चाल होती है। इस प्रकार, दूरी समय और चाल के गुणे के बराबर होती है
चाल बराबर फार्मूला क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंचाल, दुरी और समय के स्मरणीय तथ्य M / sec से किमी / घंटे में बदलने के लिए, 18/5 से गुणा इसलिए, 1 m / sec = 18/5 किमी / घंटा = 3
राम अपने स्कूटर से 50 किमी घंटे की चाल से चलते हुए 5 घंटे में कितनी दूरी तय करेगा?
इसे सुनेंरोकें1 प्रकार:राम अपने स्कूटर से 50 किमी/घंटे की चाल से चलते हुए 5 घंटे में कितनी दूरी तय करेगा। 2 प्रकार: एक व्यक्ति 50 किमी/घंटा की चाल से इलाहबाद शहर से प्रतापगढ़ शहर को जाता है, तब वह 20 मिनट बाद पहुंचता है, लेकिन जब वह 60 किमी/घंटा की चाल से इलाहबाद शहर से प्रतापगढ़ शहर को जाता है, तब वह 5 मिनट पहले पहुँच जाता है
किसी वस्तु की चाल का सूत्र क्या होगा?
इसे सुनेंरोकेंचाल ज्ञात करने के लिये हम वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को समय से भाग दे देते हैं। इस प्रकार चाल का सूत्र होगा दूरी बट्टा समय
दूरी का मात्रक क्या है?
इसे सुनेंरोकें’मीटर’ लम्बाई का मात्रक है जो एक निश्चित पूर्वनिर्धारित दूरी के बराबर होता है।
क्या साधारण ब्याज के सूत्र है?
इसे सुनेंरोकेंजैसे- लिया गया धन कितना है कितने समय के लिए लिया गया है और देने वाले का ब्याज दर क्या है। तो ब्याज का जो सूत्र निम्नलिखित होता है। साधारण ब्याज=(मूलधन x दर x समय)/100. उपरोक्त सूत्र में एक-एक के बारे में जानेंगे
एक स्कूल बस 1 घंटे में 30 किमी की दूरी की यात्रा में कितना समय यह 90 किमी की यात्रा की दूरी के लिए ले जाएगा?
इसे सुनेंरोकेंतय की गई दुरी = 30 x 30 = 900 मी.
18 किलोमीटर की दूरी 5 घंटे में तय करने पर चाल क्या होगी?
इसे सुनेंरोकेंअतः,18 किलोमीटर की दूरी 5 घंटे में तय करने पर चाल 3
सापेक्ष चाल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंजब दो वस्तु एक ही दिशा में या विपरित दिशा में एक ही सरल रेखा पर चल रही हो तो उसकी चालों के मध्य संबंध आपेक्षिक चाल कहलाता है। …
समान वृत्ताकार गति क्या है?
इसे सुनेंरोकेंजब कोई कण एक निश्चित बिन्दु को केन्द्र मानकर उसके चारों ओर एक वृत्तीय पथ पर एक समान चाल से चलता है तो उसकी गति एक समान वृत्तीय गति कहलाती है। यदि कोई कण सूक्ष्म समयान्तराल At (= t2-t1) में वृत्तीय पथ पर As दूरी तय करता है और इस दौरान कण केन्द्र 0 पर A0 कोण घूम जाता है। कण के इस घुमाव कोण को कोणीय विस्थापन कहते हैं।