दफा 302 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार से भारतीय दंड संहिता की धारा 302 आईपीसी के अंतर्गत हत्या के लिए दंड के प्रावधान या सजा के प्रावधान बताए गए हैं अगर कोई व्यक्ति हत्या का दोषी पाया जाता है तो न्यायालय द्वारा Dhara 302 आईपीसी के तहत उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास और आर्थिक दंड से दंडित किया जाता है।

धारा ३०२ में जमानत कैसे मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंयदि आप पर धारा 302 के तहत आरोप लगाया जाता है तो जमानत देने के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कोई निर्धारित समय सीमा निर्धारित नहीं है। आईपीसी की धारा 302 के तहत एक मामला बहुत ही गंभीर अपराध है और यदि आप हत्या के आरोपी हैं तो जमानत प्राप्त करना भी नहीं है।

धारा 201 क्या होती है?

इसे सुनेंरोकें“गंभीर उत्तेजना के बिना ही हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना “यह भारतीय दंड संहिता में धारा 201 के तहत अपराध माना जाता है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 201 में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया गया है उसको कारावास की सजा जो कि 3 माह तक का हो सकता ..

दफा 304 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 304 के अनुसार दहेज हत्या का मामला बनाने के लिये महिला की शादी के सात वर्ष के भीतर जलने या अन्य शारीरिक चोटों (सामान्य परिस्थितियों के अलावा) से मृत्यु होनी चाहिये। दहेज की मांग के संबंध में मृत्यु से ठीक पहले उसे पति या ससुराल वालों से क्रूरता या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो

मर्डर की सजा कितनी होती है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 302 आईपीसी – हत्या के लिए दण्ड, IPC Section 302 ( IPC Section 302. Punishment for murder ) जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा।

धारा 207 का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 207 के अनुसार, जो भी कोई किसी संपत्ति को, या उसमें के किसी हित को, यह जानते हुए कि ऐसी किसी संपत्ति या हित पर उसका कोई अधिकार या अधिकारपूर्ण दावा नहीं है, कपटपूर्वक प्रतिगॄहीत करेगा, प्राप्त करेगा या उस पर दावा करेगा अथवा किसी संपत्ति या उसमें के किसी हित पर किसी अधिकार के बारे में इस आशय से …

सबूत मिटाने पर कौन सा धारा लगता है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 201 के अंतर्गत अपराध के सबूत का विलोपन या अपराधी को प्रतिष्ठित करने के लिए झूठी खबर देना भी दंडनीय अपराध है। सबूत को मिटाया जाना भी धारा 201 के अंतर्गत दंडनीय अपराध बनाया गया है

किस जुर्म में कौन सी धारा लगती है?

IPC धारा जुर्म
54 मृत्यु दण्डादेश का रूपांतरण।
307 हत्या की कोशिश
302 हत्या
376 बलात्कार