यदि हमारे घरों एवं आसपास के क्षेत्र में कूड़ा ना हटाया जाए तो क्या होगा?
इसे सुनेंरोकेंअनुपयोगी अवयव को पृथक कर लेते हैं और फिर इसे भराव क्षेत्र में फैलाकर मिट्टी की परत से ढक देते हैं। हैं। लगभग अगले 20 वर्षों तक इस पर कोई भवन निर्माण नहीं किया जाता। कचरे के उपयोगी अवयव के निपटान के लिए भराव क्षेत्रों के पास कंपोस्ट बनाने वाले क्षेत्र विकसित किए जाते हैं।
प्रदूषण के कारण क्या क्या हो सकता है?
वायु प्रदूषण के कुछ सामान्य कारण हैं:
- वाहनों से निकलने वाला धुआँ।
- औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुँआ तथा रसायन।
- आणविक संयत्रों से निकलने वाली गैसें तथा धूल-कण।
- जंगलों में पेड़ पौधें के जलने से, कोयले के जलने से तथा तेल शोधन कारखानों आदि से निकलने वाला धुआँ।
- ज्वाला मुखी विस्फोट(जलवाष्प, So2)
पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले कौन कौन से पदार्थ हैं?
इसे सुनेंरोकेंअसीमित जनसंख्या बढ़ने से भूमि प्रदूषण को खतरा बढ़ गया है। 2- वाहित मल 3- घरेलू अपमार्जक -जैसे – सर्फ, साबुन आदि 4- औद्योगिक वर्ण्य पदार्थ । 5- नाभिकीय विस्फोट से निकले रेडियोधर्मी पदार्थ । 6- कीटनाशक जैसे D.D.T.
प्रदूषण की रोकथाम में व्यक्ति की क्या भूमिका है?
इसे सुनेंरोकेंप्रदूषण की रोकथाम (P2) में वो गतिविधियां शामिल हैंं जो कि एक प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की मात्रा को कम करने में सहयोग करते हैंं। जैसे प्लास्टिक- उपभोक्ता को कम खपत करना, ड्राइविंग या औद्योगिक उत्पादन को कम इस्तेमाल करना, इत्यादि से प्रदूषण की रोकथाम का प्रयास किया जा सकता है।
प्रदूषण की रोकथाम में मानव की क्या भूमिका है?
इसे सुनेंरोकेंप्रदूषण के कुप्रभावों से बचने के लिए सभी लोगों द्वारा सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। सर्वप्रथम अपने घरों में ऐसे ईधनों को जलाया जाए जो धुआ रहित हों। प्राकृतिक गैस के जलने से गंधक के आक्साइड कम बाहर निकलते हैं, अतः सभी को प्राकृतिक गैस को ही उपयोग में लाना चाहिए।
पर्यावरण प्रदूषण का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंप्रदूषण, पर्यावरण में दूषक पदार्थों के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष को कहते हैं। प्रदूषण का अर्थ है – ‘हवा, पानी, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना’, जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख स्रोत क्या है?
इसे सुनेंरोकेंप्रकार: धूल, मिट्टी, सल्फेट साल्ट, भारी धातु लवण, कार्बन (कालिख), सिलिका, अभ्रक, तरल स्प्रे, धुंध , अग्नि कण आदि