नीम गिलोय क्या होती है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय (Neem giloy) के नाम से जाना जाता है।
गिलोय कौन कौन सी बीमारी में काम आती है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय का इस्तेमाल अक्सर बुखार में किया जाता है. बुखार के अलावा इसका उपयोग कई औषधीय गुण के लिए भी किया जाता हैं. डेंगू में गिलोय का सेवन प्लेटलेट्स कम होने पर किया जाता है, जिससे प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी फायदेमंद होते हैं. इसके अलावा गठिया रोग के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं.
गिलोय कितने दिनों तक पीना चाहिए?
इसे सुनेंरोकें40 ग्राम गिलोय को अच्छी तरह मसलकर, मिट्टी के बरतन में रख लें। इसे 250 मिली पानी मिलाकर रात भर ढककर रख लें। इसे सुबह मसल-छानकर प्रयोग करें। इसे 20 मिली की मात्रा दिन में तीन बार पीने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है।
गिलोय पीने से क्या फायदा क्या नुकसान?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों से आराम दिलाती है। गिलोय के अत्याधिक फायदों को जानकर आपको लगता है कि इसके फायदे ही फायदे है।
नीम गिलोय के क्या क्या फायदे हैं?
- गिलोय एनीमिया दूर करने में सहायक है.
- पीलिया के मरीजों के लिए भी गिलोय के पत्ते को फायदेमंद माना जाता है.
- हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलेर्जी से परेशान लोग भी इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं.
- पेट से जुड़ी कई बीमारियों में गिलोय का इस्तेमाल करना बड़ा फायदेमंद होता है.
गिलोय का दूसरा नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंगिलोय (अंग्रेजी:टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) (अन्य नाम – गुच्छ) एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि।
गिलोय का काढ़ा पीने से क्या फायदे?
गिलोय का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
नीम गिलोय के फायदे क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही यह वीर्य और बुद्धि बढ़ाती है और बुखार, उलटी, सूखी खाँसी, हिचकी, बवासीर, टीबी, मूत्र रोग में भी प्रयोग की जाती है।
गिलोय एनीमिया दूर करने में सहायक है.
गिलोय का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.