चीन और भारत के बीच तनाव का मुख्य कारण क्या था?

चीन और भारत के बीच तनाव का मुख्य कारण क्या था?

इसे सुनेंरोकेंपरमाणु हथियारों से लैस चीन और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है. जानकारों की चेतावनी है कि दशकों बाद तीखी झड़प के बाद दोनों देश अनजाने में युद्ध की तरफ फिसल सकते हैं. 45 साल से लिखित और अलिखित समझौतों की श्रृंखला ने कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र के पूर्वी छोर पर असहज तनाव बनाए रखा

भारत और चीन से युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा?

इसे सुनेंरोकेंभारत की वायुसेना चीन से ज्यादा ताकतवर है, भारत के पास चीन से बेहतर लड़ाकू विमान हैं, जो अमेरिका, रूस, इजरायल और ब्रिटेन जैसे देशों की तकनीक से लैस हैं. भारत के लड़ाकू विमानों के पायलटों की ट्रेनिंग चीन के पायलटों से काफी ज्यादा बेहतर है और ये बात चीन बहुत अच्छे से कि अगर युद्ध हुआ तो लेने के देने पड़ सकते हैं

भारत में सर्वप्रथम कब चीन के तिब्बत पर आधिपत्य को स्वीकार किया?

इसे सुनेंरोकेंजब भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा माना साल 2003 के जून महीने में भारत ने ये आधिकारिक रूप से मान लिया था कि तिब्बत चीन का हिस्सा है. चीन के राष्ट्रपति जियांग जेमिन के साथ तत्कालानी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात के बाद भारत ने पहली बार तिब्बत को चीन का अंग मान लिया था

भारत और चीन के संबंध कैसे हैं?

इसे सुनेंरोकेंभारत-चीन दोनों पड़ोसी एवं विश्व के दो उभरती शक्तियाँ हैं। दोनों के बीच लम्बी सीमा-रेखा है। इन दोनों में प्रचीन काल से ही सांस्कृतिक तथा आर्थिक सम्बन्ध रहे हैं। वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद के अगले वर्ष, भारत ने चीन के साथ राजनयिक सम्बन्ध स्थापित किये।

भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा?

इसे सुनेंरोकेंपाकिस्तान का कहना है कि इससे संपूर्ण दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ेगा। ऐेसे में अगर युद्ध हुआ तो यह किसी के लिए बेहतर नहीं होगा। रूस ने भारत को चेताते हुए कहा है कि भारत पाकिस्तान के परमाणु हमले और मिसाइल आक्रमण से खुद को नहीं बचा सकता और युद्ध की स्थिति में उसे काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

दलाई लामा भारत कब आया था?

इसे सुनेंरोकें31 मार्च, 1959 को बड़े नाटकीय ढंग से जब दलाई लामा मैकमोहन रेखा पार कर हिंदुस्तान में दाख़िल हुए थे तो उन्होंने सपने में भी सोचा नहीं होगा कि वे उसके बाद कभी तिब्बत वापस नहीं जा पाएंगे. 14 दिनों का तिब्बत से तवांग तक का उनका सफ़र किसी चमत्कार से कम नहीं था

तिब्बत पर किसका कब्जा है?

इसे सुनेंरोकेंइस सरकार की विस्तारवादी नीतियों के चलते 1950 में चीन ने हजारों सैनिकों के साथ तिब्बत पर हमला कर दिया। करीब 8 महीनों तक तिब्बत पर चीन का कब्जा चलता रहा। आखिरकार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने 17 बिंदुओं वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद तिब्बत आधिकारिक तौर पर चीन का हिस्सा बन गया।