खरमास कब है 2020 December?
इसे सुनेंरोकें15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास आरंभ हो गया है. एक माह तक खरमास का समयकाल रहेगा. 14 जनवरी 2021 को यह समाप्त होगा. खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि को वर्जित बताया गया है
मलमास में क्या करें क्या ना करें?
इसे सुनेंरोकेंमलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है
अधिक मास कब से कब तक?
इसे सुनेंरोकेंअधिक मास कब से शुरू होगा पंचांग के अनुसार आश्विन मास में श्राद्ध पक्ष 17 सितंबर 2020 को समाप्त हो रहे हैं और अधिक मास 18 सितंबर से शुरु हो रहा है. अधिक मास का समापन 16 अक्टूबर 2020 को होगा
मलमास का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंहिंदू पंचांग के अनुसार, जब भी सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब मलमास लगता है। इसे पुरुषोत्तम मास और खरमास भी कहा जाता है। 14 मार्च से सूर्य मीन राशि मेे चलेंगे और 14 अप्रैल तक इसी राशि में रहेंगे इसलिए यह एक महीना मलमास और खरमास के नाम से जाना जाएगा। पर्व, जो पूरे 1 महीने चलता है
मलमास कौन से महीने में लगेगा?
इसे सुनेंरोकेंइसलिए इसे मीन मलमास (खरमास) भी कहते हैं. सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए मीन मलमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा
मल कब से शुरू है 2021 December?
इसे सुनेंरोकें15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास और इसके बाद क्रमश: गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त रहने पर विवाह नहीं होंगे। -प्रतीकात्मक फोटो। चार माह के लंबे अंतराल के बाद देवउठनी एकादशी से शुरू हुए कुल 10 विवाह मुहूर्त में से अब केवल 6 दिन के मुहूर्त बाकी है।
मलमास में मरने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंपंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है। खर मास को भी मलमास का जाता है। खरमास में खर का अर्थ ‘दुष्ट’ होता है और मास का अर्थ महीना होता है। मान्यता है कि इस माह में मृत्यु आने पर व्यक्ति नरक जाता है।
मलमास में पूजा कैसे की जाती है?
इसे सुनेंरोकेंमलमास में पीले फल, मिठाई, अनाज तथा वस्त्रों का दान करना शुभ माना गया है, क्योंकि भगवान विष्णु का प्रिय रंग पीला है और मलमास को भगवान पुरुषोत्तम का मास माना जाता है। प्रतिदिन श्री हरि का ध्यान करें और पीले पुष्प अर्पित करें। इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी
अधिक मास में कब स्नान करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंमान्यता है कि अधिकमास की आखिरी अमावस्या को दान करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. अमावस्या पर भूखे को भोजन कराने से कभी शारीरिक परेशानियां नहीं होती हैं. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, अमावस्या पर सूर्योदय के समय भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित करने से भी दरिद्रता दूर हो जाती है
अधिक मास कैसे बनता है?
इसे सुनेंरोकेंजब दो पक्षों में संक्रांति नहीं होती, तब अधिक मास होता है। आमतौर पर यह स्थिति 32 माह और 16 दिन में एक बार यानी हर तीसरे वर्ष में बनती है। ऐसा सूर्य और पृथ्वी की गति में होने वाले परिवर्तन से तिथियों का समय घटने-बढ़ने के कारण होता है। नए वर्ष में आषाढ़ 3 जून को शुरू होकर 30 जुलाई तक रहेगा।
मलमास का महीना कब खत्म होगा?
मल का महीना कब से लग रहा है?
इसे सुनेंरोकेंमलमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा. मलमास में किसी भी शुभ और नए कार्य को नहीं किया जाता है. मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. मलमास में शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. शुभ कार्यों को मलमास में निषेध माना गया है