गला बैठने की दवा क्या है?

गला बैठने की दवा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस समस्या को दूर करने के लिए आप अदरक का इस्‍तेमाल करें। अदरक के ऊपर नमक और नींबू लगाकर इसे मुंह में रखें जिससे इसका रस धीरे-धीरे गले में जाएगा और इस समस्या से राहत दिलाएगा। दूसरा तरीका है दूध में अदरक को कद्दूकस कर या टुकड़े कर डालकर उबालें और थोड़ा ठंडा हो जाने पर पिएं। इसके अलावा अदरक की चाय पीना भी फायदेमंद होता है

पेट पर मिट्टी की पट्टी भोजन के कितनी देर बाद रखें?

इसे सुनेंरोकेंपट्टी की मोटाई आधा इंच वचौड़ाई 9-10 इंच होनी चाहिए। प्रयोग : पेडू पर 20-30 मिनट के लिए इस तरह पट्टी रखें कि मिट्टी पेडू की त्वचा के संपर्क में रहे। 12-14 घंटे तक भीगी हुई मिट्टी काम में लेते हैं। पेडू पर यह पट्टी सुबह खाली पेट या भोजन के 5-6 घंटे बाद रखें

गांधी जी ने राम नाम को सबसे बड़ी प्राकृतिक चिकित्सा क्यों कहा?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक चिकित्सा में औषधियों का प्रयोग नहीं होता। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार ‘आहार ही औषधि’ है। 12. गांधी जी के अनुसार ‘राम नाम’ सबसे बडी प्राकृतिक चिकित्सा है अर्थात् अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करना चिकित्सा का एक आवश्यक अंग है।

कटि स्नान के जनक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंउन्होंने पुस्तक में वर्णित प्राकृतिक चिकित्सा की विधिया-ठंडा घर्षण, कटि स्नान, मेहन स्नान और पेड़ू पर मिट्टी की पट्टी आदि के छोटे-छोटे प्रयोग स्वय पर करने शुरू किये। कालातर में गाधीजी प्राकृतिक चिकित्सा के जानकार बन गए और उन्होंने इस चिकित्सा के प्रचार-प्रसार के महत्व पर जोर दिया

गांधीजी ने प्राकृतिक चिकित्सा पर कौन कौन सी पुस्तक लिखी है?

इसे सुनेंरोकेंउसने उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा के जनक लुई कूने की पुस्तक ‘दि न्यू साइंस ऑफ हीलिग’ और जुस्ट की पुस्तक ‘रिटर्न टू नेचर’ को पढ़ने का परामर्श दिया। इन दोनों पुस्तकों का अध्ययन कर गाधी जी स्वास्थ्य सबधी प्राकृतिक दलीलों से बहुत प्रभावित हुए

प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक चिकित्सा रोगी के शरीर की शुद्धि करती है तथा राम नाम के द्वारा मन को भी शुद्ध करती है। कुदरती उपचार के दो पहलू है – एक ईश्वर की शक्ति यानि राम नाम से रोग मिटाना और दूसरा ऐसे उपाय करना कि रोग पैदा ही न हो सके। प्राकृतिक उपचार, शरीर सफाई युक्ताहार, योग्य व्यायाम से बीमारियों को दूर करती है।