गुप्त काल को स्वर्ण युग क्यों कहा?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर : गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। गुप्तकाल में विज्ञान प्रौद्योगिकी से लेकर साहित्य, स्थापत्य तथा मूर्तिकला के क्षेत्र में नये प्रतिमानों की स्थापना की गई जिससे यह काल भारतीय इतिहास में ‘स्वर्ण युग’ के रूप में जाना गया।
गुप्त काल कब से कब तक था?
इसे सुनेंरोकेंइसका शासन काल (320 ई. से 335 ई. तक) था। पुराणों तथा हरिषेण लिखित प्रयाग प्रशस्ति से चन्द्रगुप्त प्रथम के राज्य के विस्तार के विषय में जानकारी मिलती है।
गुप्त वंश के पतन के क्या कारण थे?
गुप्त साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-
- अयोग्य उत्तराधिकारी
- विदेशी आक्रमण
- नयी शक्तियों का उदय
- उत्तराधिकार के निश्चित नियम का अभाव
- प्रशासनिक कमजोरियाँ
- आर्थिक कारण
- सामन्तों के विद्रोह
- प्रान्तपतियों के विशेषाधिकार
गुप्त वंश का संस्थापक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंश्रीगुप्त (शासनकाल 240 – 280 ई) गुप्त साम्राज्य का संस्थापक राजा था। श्रीगुप्त के बाद उसका पुत्र घटोत्कच शासक बना। इस वंश का प्रथम प्रतापी राजा चंद्रगुप्त प्रथम था जिसने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन क्यों कहा जाता है?
इसे सुनेंरोकेंसमुद्र्गुप्त भारत के महान शासक थे जिन्होंने अपने जीवन काल मे कभी भी पराजय का स्वाद नही चखा। वि.एस स्मिथ के द्वारा उन्हें भारत के नेपोलियन की संज्ञा दी गई थी।
गुप्त काल में आय का प्रमुख स्रोत क्या था?
इसे सुनेंरोकेंराजकीय आय का स्रोत भोग – सम्भवतः राजा को हर दिन फल-फूल एवं सब्जियों के रूप में दिया जाने वाला कर। प्रणयकर – गुप्त काल में यह ग्रामवासियों पर लगाया गया अनिवार्य या स्वेच्छा चन्दा था। भूमिकर भोग का उल्लेख ‘मनुस्मृति’ में भी हुआ है। गुप्त काल में वणिकों, शिल्पियों, शक्कर एवं नील बनाने वाले पर राजकर लगता था।
गुप्तकाल के प्रसिद्ध गणितज्ञ कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंQ: गुप्त काल का सर्वप्रमुख गणितज्ञ एवं खगोलविद निम्न में से कौन था? आर्यभट्टीय’नामक ग्रंथ की रचना करने वाले आर्यभट्ट अपने समय के सबसे बड़े गणितज्ञ थे। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया। आर्यभट्ट के प्रयासों के द्वारा ही खगोल विज्ञान को गणित से अलग किया जा सका
प्रथम गुप्त शासक कौन था?
इसे सुनेंरोकेंवह गुप्त वंश के पहले ज्ञात शासक श्री गुप्त थे I भारत के राजा और गुप्त साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त प्रथम माने जाते हैं