सामाजिक जीवन का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंजीवन कठिन परिभाषा की एक धारणा है। हम कह सकते हैं कि यह अस्तित्व के बारे में है, एक जैविक होने की गतिविधि या जन्म लेने, विकसित होने, प्रजनन और मरने की क्षमता है। दूसरी ओर, सामाजिक वह है जो समाज से जुड़ा हुआ है : उन व्यक्तियों का समुदाय जो साझा संस्कृति या हितों को साझा करते हैं।
सामाजिक संरचना से क्या अभिप्राय है इसके महत्व?
इसे सुनेंरोकेंसामाजिक संरचना के विश्लेषण मे सामाजिक प्राणियों की विविध मनोवृत्तियो तथा रूचियों के कार्य प्रदर्शित होते हैं। गिन्सबर्ग के अनुसार; सामाजिक संरचना का अध्ययन सामाजिक संगठन के प्रमुख स्वरूपों समूह, समितियों तथा संस्थाओं के प्रकार एवं इनकी संपूर्ण जटिलता जिनसे कि समाज का निर्माण होता है, से संबंधित है
सामाजिक से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंसमाज एक से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने एक वृहद समूह को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते हैं। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती हैं। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है।
सामाजिक बदलाव के क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंसमाजशास्त्री मुख्य रूप से सामाजिक परिवर्तन के जनसांख्यिकीय (Demographic), प्रौद्योगिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक कारकों की चर्चा करते हैं। इसके अलावा सामाजिक परिवर्तन के अन्य कारक भी होते हैं, क्योंकि मानव-समूह की भौतिक (Material) एवं अभौतिक (Non-material) आवश्यकताएँ अनन्त हैं और वे बदलती रहती हैं।
सामाजिक दुष्प्रकार्य क्या है?
इसे सुनेंरोकेंलेकिन हमारे समाज में जाति व्यवस्था का प्रकार्य इन उद्देश्यों को बल देना नहीं है उल्टे इसका हमारे सामाजिक उद्देश्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जाति प्रणाली दुष्प्रकार्य पैदा करती है। क्योंकि लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत बनाने के बजाए वह गतिशीलता, लोकतंत्रीकरण और भागीदारी को कम करती है।
कृषक सामाजिक संरचना से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकें1) कृषक परिवार ने सामाजिक संगठन की मूलभूत बहुआयामी इकाई के रूप में काम किया। पारिवारिक खेत ने कृषक संपत्ति, उत्पादन, उपभोग, कल्याण, सामाजिक पुनः उत्पादन, अस्मिता (पहचान), प्रतिष्ठा, मिलनसारिता (समाज शीलता), और कल्याण की प्रमुख इकाई के रूप में काम किया।
ग्रामीण सामाजिक संरचना क्या है?
इसे सुनेंरोकेंग्रामीण सामाजिक संरचना एक सुन्दर चित्र प्रस्तुत करती है जिसमें विवाह, परिवार, वंश, गोत्र, नातेदारी, जाति, धर्म, राजनैतिक और आर्थिक समूह, तथा वर्ग शामिल है। उसी प्रकार सामाजिक संरचना सामाजिक प्रतिमानों, समितियों, संस्थाओं, सामाजिक मूल्यों आदि के व्यवस्थित स्वरूप को सामाजिक संरचना कहा जाता है
भूमिका वर्णन से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंइलियट तथा मेरिल के अनुसार ” भूमिका वह कार्य है जिसे वह (व्यक्ति) प्रत्येक स्थिति के लिए करता हैं। सार्जेण्ट अनुसार ” किसी व्यक्ति का कार्य सामाजिक व्यवहार का वह प्रतिमान अथवा प्रारूप है, जो कि उसे एक परिस्थिति विशेष मे अपने समूह के सदस्यों की मांगों व प्रत्याशाओं के अनुरूप प्रतीत होता हैं
स्थिति से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रस्थिति या स्थिति व्यक्ति के समूह या समाज मे स्थान को प्रगट करती है। इस प्रकार एक व्यक्ति समाज मे एक साथ अनेक स्थितियों पर आरूढ़ हो सकता हैं। प्रस्थिति या स्थिति का अर्थ; एक समय विशेष में, किसी विशेष स्थान मे, किसी विशेष व्यवस्था के अन्दर जो व्यक्ति को एक स्थान मिला होता है व उसकी स्थिति या प्रस्थिति या पद हैं
सामाजिक संस्था से आप क्या समझते है?
इसे सुनेंरोकेंबोगार्डस के अनुसार ” एक सामाजिक संस्था समाज का वह ढांचा होता हैं, जो मुख्य रूप से सुव्यवस्थित विधियों के द्वारा व्यक्तियों की जरूरतों की पूर्ति के लिए संगठित किया जाता हैं। मैकाइवर और पेज “संस्था कार्यप्रणालियों के स्थापित स्वरूप या दशा को कहते है जो समूह की सामूहिक क्रियाओं की विशेषता हैं।”19 जून 2020