आत्मा की विशेषताएं क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकहा गया है कि आत्मा अविनाशी है , इस पर किसी भी प्राकृतिक भाव का असर नहीं होता. आत्मा पर किसी भी प्रकार की चीजें असर नहीं करती. आत्मा का एक ही स्वाभाविक गुण है , स्वाभाविक रूप से प्रसार करना और ईश्वर में विलीन होना. जब तक आत्मा ईश्वर के अपने मुख्य बिंदु तक नहीं पहुंचती, तब तक शरीर बदलता रहता है
गीता के अनुसार आत्मा क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआत्मा शुद्ध चैतन्य स्वरूप है जिसमें कोई विकार नहीं है। यह आत्मा एक शुद्ध चैतन्य शक्ति है जिसमें कोई विकार नहीं है उसकी चैतन्य शक्ति से शरीर की सभी क्रियायें संचालित होती हैं
आत्मा क्या सच में होती है?
इसे सुनेंरोकेंहर जीवित व्यक्ति के अंदर आत्मा मौजूद रहती है। जैसे ही यह शरीर से निकल जाती है शरीर निर्जीव हो जाता है यानी आत्मा एक जीव है जिसके चले जाने से शरीर जीव विहीन हो जाता है। गीता में श्री कृष्ण कहते हैं, मैं हर व्यक्ति में आत्मा रूप में मौजूद हूं, यानी यह आत्मा ईश्वर का स्वरूप है
भगवत गीता के अनुसार आत्मा को कैसे नष्ट किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंजो सारे शरीर में व्याप्त है उसे ही तुम अविनाशी समझो। उस अव्यय आत्मा को नष्ट करने में कोई भी समर्थ नहीं है। अविनाशी तु तद्विद्धि येन सर्वमिदं ततम्। विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति।
क्या आत्मा कभी मरती है?
इसे सुनेंरोकेंअधिकतर धार्मिक व्यक्तियों का मानना है कि आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है. आत्मा केवल एक शरीर को छोड़ती है और शरीर मृत हो जाता है. मानव अस्तित्व का क्या होता है? क्या यह पृथ्वी पर भूत-प्रेत के रूप में भटकती रहती है या फिर मानव अस्तित्व से परे कोई और दुनिया है जो अस्तित्व में है
आत्मा को कैसे शांत करें?
- तुलसी का पौधा तुलसी का पौधा सिर के पास हो तो मनुष्य की आत्मा शरीर त्याग के बाद यमदंड से बच जाती है।
- गंगाजल की चार बूंद इसके अलावा मृत्यु के समय गंगाजल को मुख में रखते हुए प्राण त्यागने का विधान बताया गया है।
- श्रीमद् भागवत का पाठ
- अच्छी सोच
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए क्या करें?
इसे सुनेंरोकेंइस दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध करते हैं. पिंडदान करने वाले ज्यादातर लोगों को इच्छा होती है कि वे अपने पूर्वजों का पिंडदान गया (Gaya) जा करें. हिंदू मान्यताओं के अनुसार पिंडदान और श्राद्ध करने से व्यक्ति को जन्म मरण से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है