भीष्म के धनुष का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंदूसरी समानता : दोनों ही सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। श्रीकृष्ण के धनुष का नाम शारंग था। भीष्म के धनुष का नाम वायव्य था।
धनुष का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंइस धनुष का नाम पिनाक था। श्रीराम ने संदूक खोलकर धनुष को देखा और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी ।
प्रभु श्री राम के धनुष का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंबहुत कम लोगों को मालूम होगा कि भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था इसीलिए प्रभु श्रीराम को कोदंड कहा जाता था। ‘कोदंड’ का अर्थ होता है बांस से निर्मित। कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था। कोदंड नाम से भिलाई में एक राम मंदिर भी है जिसे ‘कोदंड रामालयम मंदिर’ कहा जाता है।
धनुष के संकेत क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयह दूर तक मार करनेवाला अस्त्र है, जिसका उपयोग सहस्रों वर्षों से होता आ रहा है। इसके प्रसार का इतिहास अज्ञात है। सांस्कृतिक प्रगति में भाप और आग उत्पन्न करने की कला के आविष्कार का जो महत्व है, वही महत्व धनुष के आविष्कार का भी है।
भीष्म पितामह पांडवों के क्या लगते थे?
इसे सुनेंरोकेंभीष्म अथवा भीष्म पितामह महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम देवव्रत था। इसी प्रतिज्ञा का पालन करते हुए महाभारत में उन्होने कौरवों की तरफ से युद्ध में भाग लिया था। इन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान था।
देवव्रत का नाम भीष्म कैसे हो गया?
इसे सुनेंरोकेंदेवव्रत के पिता राजा शान्तनु धीवर की रूपवती पुत्री सत्यवती से विवाह करना चाहते थे परन्तु उसने एक शर्त रखी कि उसकी पुत्री से उत्पन्न पुत्र ही राज्य का उत्तराधिकारी हो । शान्तनु इसके लिए तैयार न हुए और उदास होकर महल को लौट आए । अपनी भीषण प्रतिज्ञा के कारण ही देवव्रत भीष्म कहलाए
श्री राम ने परशुराम को शान्त करने के लिए क्या कहा?
इसे सुनेंरोकेंउनके क्रोध को शाँत करने के लिए राम ने उनसे बिना किसी हर्ष या विषाद के कहा था कि हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला कोई उन का ही दास होगा। यदि वे कोई आज्ञा देना चाहते थे तो उन्हें आदेश करें।
भीष्म पितामह अर्जुन के क्या लगते थे?
भीष्म अथवा भीष्म पितामह महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। भीष्म महाराजा शान्तनु के पुत्र थे महाराज शांतनु की पटरानी और नदी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे | उनका मूल नाम देवव्रत था।…भीष्म
देवव्रत | |
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अन्य नाम: | भीष्म(आजीवन ब्रह्मचारी रहने के विषम, भीषण तथा कठिन प्रतिज्ञा लेने के कारण भीष्म कहलाए), गंगापुत्र, पितामह |