हमें सामाजिक बुराइयों भेदभाव समान अधिकार न देने को खत्म करने के लिए क्या क्या कदम उठाने चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंआर्थिक न्याय ही सामाजिक न्याय का नींव है। आर्थिक न्याय के बिना हम सामाजिक न्याय की कल्पना भी नहीं कर सकते। यदि वास्तव में हम सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं तो हमें आर्थिक न्याय को मजबूत बनाना ही होगा। शैक्षिक असमानता के कारण ही हम समाज में वंचित, उपेक्षित वर्ग की महिलाओं को अच्छी शिक्षा दे पाने में असफल साबित हो रहे हैं
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है कैसे?
इसे सुनेंरोकेंमनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। समाज में अलग-थलग रहना उसके लिए न उचित है और न ही संभव समाज में रहते हुए समाज के लिए अधिक से अधिक स्वस्थ सहायक बना रह सके, इसी में उसके जीवन की उपादेयता है। स्वस्थ व्यक्तियों से ही स्वस्थ समाज का निमार्ण होता है
असमानता को दूर कैसे किया जा सकता है?
इसे सुनेंरोकेंलैंगिक असमानता के विभिन्न क्षेत्र सामाजिक क्षेत्र में- भारतीय समाज में प्रायः महिलाओं को घरेलू कार्य के ही अनुकूल माना गया है। घर में महिलाओं का मुख्य कार्य भोजन की व्यवस्था करना और बच्चों के लालन-पालन तक ही सीमित है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि घर में लिये जाने वाले निर्णयों में भी महिलाओं की कोई भूमिका नहीं रहती है।
सामाजिक विषमताओं से क्या समझते हैं सामाजिक विषमताओं को दूर करने के प्रमुख उपाय का वर्णन कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंसमाज में बढ़ती हुई आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए गरीब और अमीर की खाई को पाटना आवश्यक है। गरीबों को रोजगार के अवसर मुहैया कराना होगा। ऐसे तबके को समाज की मुख्यधारा से जोडऩा होगा
सामाजिक असमानता से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंसामाजिक असमानता एक समूह या समाज के भीतर विभिन्न सामाजिक पदों या स्थितियों के लिए असमान अवसरों और पुरस्कारों के अस्तित्व की विशेषता है। इसमें सामान, धन, अवसर, पुरस्कार और दंड के असमान वितरण के संरचित और आवर्तक पैटर्न शामिल हैं
असमानता का प्रमुख कारण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंयदि ऐसा है, तो क्या ऐसा हो सकता है कि भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था इस संघर्ष से बच सकती है, क्योंकि भारत में एक तरफ आर्थिक विकास के उच्च स्तर, और दूसरी ओर गरीबी में कमी की महत्वपूर्ण गुंजाइश है? कोविड-19 महामारी के बाद असमानता पर अनिवार्यतः ध्यान देने के कारण यह प्रश्न विशेष रूप से प्रासंगिक हो जाता है।
लोगों में असमानता का मुख्य कारण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसामाजिक असमानता, आर्थिक असमानता, शैक्षिक असमानता, क्षेत्रीय असमानता और औद्योगिक असमानता ही देश को विकसित बनाने में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है. सामाजिक असमानता के कारण ही आज समाज में आपसी प्रेम, भाईचारा, मानवता, इंसानियत और नैतिकता ख़त्म होता जा रहा है. व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए समाज को जाति और धर्म में बाँटना जायज नहीं
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है क्यों?
इसे सुनेंरोकेंमनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जिसे समाज में रहने के लिए एक ऐसा व्यवहार-बनाना पड़ता है, जिससे उसका जीवन कठिनाई के बगैर अपने परिजनों, प्रियजनों और मित्रों-संबंधियों के साथ ठीक ढंग से संचालित हो सके। मनुष्य के साथ यह अनिवार्यता है कि वह विवश होकर व्यवहार करता है और इसके बिना उसका एक कदम भी चलना संभव नहीं होता
मनुष्य सामाजिक प्राणी है क्योंकि समाज के बिना उसका जीवन अधूरा है?
इसे सुनेंरोकेंमनुष्य सामाजिक प्राणी है क्योंकि समाज के बिना उसका जीवन अधूरा है | समाज में रहते हुए उसे अपने सुख दुःख को कहने-सुनने, विचारों का आदान-प्रदान करने तथा कार्यों में सहयोग लेने के लिए दूसरों की आवश्यकता पड़ती है इसीलिए उसे ऐसे व्यक्ति कीज़रुरत होती है जिससे वह दिल खोलकर अपनी सब5 मार्च 2021
वंचित वर्ग कौन है केंद्रीय सरकार द्वारा वंचित वर्गों की शिक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
इसे सुनेंरोकेंजब व्यक्ति अपनी किसी अनिवार्य आवश्यकता या सुविधा से वंचित हो जाता है, तब उसमें असन्तोष जन्म ले लेता है। मुख्य शब्द:- वंचित, विकलांगता, सांस्कृतिक, सामाजिक, संविधान, प्रावधान । शिक्षा की भी समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी है। शैक्षिक दृष्टि से इन्हें भी वंचित वर्ग में रखा जाता है।
शैक्षिक अवसरों की असमानता ओं को दूर करने में भारतीय संविधान की क्या भूमिका है?
इसे सुनेंरोकेंसंविधान का अनुच्छेद 46 स्पष्टतया उल्लेख करता है कि राज्य विशेष मामले के रूप में कमजोर वर्गों और विशिष्ट रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देगा और सामाजिक अन्याय और शोषण के सभी रूपों से उनको बचाएगा।