सबसे पुराना हिंदू मंदिर कौन सा है?
यह एक हिन्दू मन्दिर है। यह कम्बोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम ‘यशोधरपुर’ था।…अंकोरवाट मंदिर
अंगकोरवाट मन्दिर अङ्कोरवाट मन्दिर | |
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सम्बद्धता | हिंदू धर्म |
देवता | विष्णु |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | कम्बोडिया |
औरंगज़ेब ने कितने मंदिर तोड़े?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर से दक्षिण तक औरंगजेब के राज में सैकड़ों मंदिर तोड़े गए। पंढरपुर में विठोबा के मंदिर पर हमले से लेकर वसंतगढ़ में मंदिर गिराकर अपने हाथों से मस्जिद की नींव रखने तक, उसके नाम पर तमाम वाकये दर्ज हैं। मासिर ए आलमगीरी कहती है कि बादशाह जब चित्तौड़ गया तो वहां उसके ‘हुक्म से 63 मंदिर नष्ट किए गए।
इसे सुनेंरोकेंयह कम्बोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम ‘यशोधरपुर’ था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53 ई॰) के शासनकाल में हुआ था। यह हिंदू मन्दिर है।
हिंदुस्तान में कुल कितने मंदिर हैं?
इसे सुनेंरोकेंभारत में कुल कितने मंदिर हैं, इसे सही-सही बता पाना को नामुमकिन है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 लाख से भी ज्यादा मंदिर हैं और इनमें से 100 मंदिर ऐसे हैं, जिनका सालाना चढ़ावा भारत के बजट के कुल योजना व्यय के बराबर होगा।
ऐसा कौन सा देश है जहां एक भी हिंदू मंदिर नहीं है?
इसे सुनेंरोकें“सऊदी अरब” ऐसा देश है जहाँ एक भी मंदिर, मस्जिद नहीं है।
राष्ट्रीय मंदिर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंरांची रेलवे स्टेशन से 7 किलो मीटर की दुरी पर रांची हिल पर शिवजी का अति प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे की पहाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर धार्मिकता के साथ साथ देशभक्तो के बलिदान के लिए भी जाना जाता है।
भारत में कितने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई?
इसे सुनेंरोकेंवसीम के मुताबिक राम मंदिर को तुड़वाकर बाबरी मस्जिद बनाई गई, केशव देव मंदिर को औरंगजेब ने तुड़वाकर मस्जिद बनवाई थी, फिरोज शाह तुगलक ने अटाला देव मंदिर तुड़वाकर अटाला मस्जिद बनवाई थी, काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई गई थी, गुजरात के भटना में रुद्रा महालया मंदिर को तुड़वाकर अलाउद्दीन खिलजी ने जामी …
भारत में पहला मंदिर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंमुंडेश्वरी देवी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी स्थापना 108 ईस्वी में हुविश्क के शासनकाल में हुई थी। यहां शिव और पार्वती की पूजा होती है। प्रमाणों के आधार पर इसे देश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है।