2 साल का बच्चा बोलता नहीं तो क्या करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंसभी बच्चों के भाषा संबंधी विकास की गति एकसमान न होने के कारण कुछ बच्चे देर से बोलना आरंभ करते है अथवा बहुत कम बोलते है। ऐसे में चिंता करने के बजाय यदि धैर्य तथा सूझबूझ से काम लेते हुए स्पीच थेरेपिस्ट से सलाह ले कर उसके देर से बोलने के कारणों के बारे में पता लगाया जाए तो इस समस्या को सुलझाया जा सकता है
बच्चे कैसे संवाद करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआयु के अनुसार ही संवाद करें लेकिन झूठ नहीं बोलें या महत्वपूर्ण जानकारी को न छिपाएं। यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि “मुझे पता नहीं है” और प्रश्नों के उत्तर देने से पहले अधिक जानकारी का पता लगाएं। अपनी भावनाओं से अवगत रहें। इतना कहने से भी मदद मिल सकती है कि अपना संदेश साझा करने से पहले आप क्या महसूस कर रहे हैं।
बच्चा नहीं बोले तो क्या करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंबच्चों में स्पीच डिले का इलाज स्पीच लैंग्वेज थेरेपी की मदद से बच्चों में इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चे को जिस स्वास्थ्य समस्या के कारण बोलने में देरी हो रही है, उसका इलाज करके भी स्पीच डिले को ठीक किया जा सकता है। पैरेंट्स भी बच्चों की बोलने में मदद कर सकते हैं
बच्चे कब तक बोलना सीखते हैं?
इसे सुनेंरोकेंहर बच्चे को पहली बार बोलने में थोड़ा समय लगता है. अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करते हैं. वहीं 16 महीने तक, एक बच्चे को एक दिन में 40 शब्द बोलना शुरू कर देना चाहिए
बोलने के लिए क्या दवाएं?
इसे सुनेंरोकेंलर्निग डिसऑर्डर के उपचार के लिए होम्योपैथिक डॉक्टर की देखरेख में मरीज को केल्केरिया कार्ब, कारसिनोसिन, साइलीशिया, सिफिलिनम, बेराइटा कार्ब और पिकरिक एसिड जैसी दवाएं दी जाती हैं। इस दौरान विशेषज्ञ बच्चे के स्वभाव और व्यवहार के अलावा अन्य लक्षणों का भी ध्यान रखते हैं।
बच्चों की कमजोरी कैसे दूर करें?
इसे सुनेंरोकेंआप अपने बच्चे को सुबह नाश्ते में आंवले का एक मुरब्बा जरूर खिलाएं। अगर बच्चा मुरब्बा नहीं खाता है तो उसे चार से पांच आंवले की कैंडी खिला दें। आंवला खाने से बच्चों में कब्ज नहीं होती और इसमें मौजूद विटामिन-सी भोजन से आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार आता है
माता पिता बच्चे के आक्रामक व्यवहार से कैसे निपट सकते हैं स्पष्ट कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंमाता पिता का आपस में कैसा रिश्ता है, इसका असर सीधे तौर पर बच्चों पर पड़ता है. डॉक्टर बत्रा इस विषय में कहती हैं, ”जब बच्चे देखते हैं कि उनके माता-पिता जो कि उसे हमेशा शांत रहने और सभ्य व्यवहार करने की सलाह देते हैं, वे ख़ुद ही आपस में झगड़ रहे हैं तो बच्चा भी ग़ुस्सा आने पर हिंसक रुख अपनाने लगता है
कैसे माता पिता अपने बच्चे के व्यवहार करना चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंबच्चों को जैसी परवरिश और शिक्षा देना चाहते हैं वैसा ही आचरण माता-पिता को रखना चाहिए। बच्चे जो देखते-सुनते हैं वही उनके स्वभाव में आता है। इसलिए बच्चों के सामने जो भी कहें वो हमेशा सोच-समझकर कहें। जो आप कर रहे हैं, कह रहे हैं, उसे करने से बच्चों को यह कह कर नहीं रोक सकते कि ‘हम बड़े हैं, तुम बच्चे हो।
बच्चा देर से क्यों चलता है?
इसे सुनेंरोकेंसामान्यीकृत अस्थिबंध शिथिलता एक अन्य स्थिति है जहां बच्चा सपाट पैरों के साथ नजर आ सकता है। कई बच्चों को सपाट पैरों के लिए मेहराब वाले जूते निर्धारित किये जाते हैं, इनमें से ज्यादातर मामलों में, वे किसी काम के नहीं होते हैं। यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये आवेषण एक सामान्य आर्च बनाते हैं।
मानसिक विकास कैसे करें?
स्वास्थ्य
- लखनऊ. आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है।
- स्तनपान कराएं मां का दूध बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत जरूरी है।
- पौष्टिक आहार पौष्टिक आहार जितना शारीर के लिए आवश्यक है उतनी ही मानसिक विकास के लिए।
- दिमागी खेल
- दे ज्यादा प्यार व दुलार
- पर्याप्त नींद
- किताबों का अध्यान
कम बोलने के लिए क्या करें?
विधि 2 का 3: ज्यादा सुनना शुरू करें
- अगर आप अपने दिमाग में उस बात का चित्रण करें जो कही जा रही है तो आपको निश्चित रूप से मदद मिलेगी | अपने दिमाग में जो भी बोलने वाला कह रहा उसके चित्र बनाएं |
- इसके इलावा जब वह बात कर रहा है आप मुख्य शब्दों और वाक्यों को ध्यान में रख सकते है |
बच्चों को ताकत के लिए क्या खिलाए?
इसे सुनेंरोकेंबच्चों के लिए घी एनर्जी का भी प्रमुख स्रोत है। इसमें सैचुरेटिड फैटी एसिड होते हैं जो बच्चे को एनर्जी और ताकत देते हैं। पांच साल की उम्र तक बच्चे के मस्तिष्क का अधिकतर विकास हो जाता है इसलिए इस समय बच्चे को घी जरूर खिलाएं, क्योंकि घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं