काली मिर्च से क्या फायदा है?
स्वास्थ्य
- सर्दी-खांसी और जुकाम को ठीक करने में फायदेमंद होती है काली मिर्च
- पेट के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है काली मिर्च का सेवन
- वजन को नियंत्रण में करने के लिए
- कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए
- स्किन के लिए
- इन्फेक्शन से शरीर का बचाव करने के लिए
- जोड़ों के दर्द के लिए
ज्यादा काली मिर्च खाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंज्यादा काली मिर्च खाने से पेट की समस्या जैसे गैस, डायरिया और कब्ज भी हो सकती है. आपको सर्दी में भी इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. काली मिर्च की तासीर गर्म होती है. इसलिए पित्त प्रकृति वाले लोगों काली मिर्च न खाएं
काली मिर्च का पौधा कब लगाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंकाली मिर्च का पौधा तीन साल बाद पैदावार देना शुरू करती है. इसकी खेती बागबानी तरीके से की जाती है. जिस कारण काली मिर्च के पौधे को एक बार खेत में लगाने के बाद उससे कई सालों तक फसल प्राप्त की जा सकती हैं. काली मिर्च की रुपाई खेतों में एक बार ही करनी पड़ती है
मरीज खाने से क्या फायदा है?
इसे सुनेंरोकेंकालीमिर्च का सेवन कैंसर को फैलने से रोकने में आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि कालीमिर्च में एंटी- कैंसर का गुण पाया जाता है जो कि कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करता है
रोज कितनी काली मिर्च खानी चाहिए?
इसे सुनेंरोकेंइसे पीने से गैस के कारण होने वाले पेट दर्द और पेट फूलने में आराम (black pepper benefits in hindi)मिलता है। एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ लें। इसमें 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर भोजन के बाद सुबह-शाम पीने से पैट की गैस, भूख का घटना-बढ़ना आदि में लाभ होता है
काली मिर्च को कैसे लगाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंसे 40 डिग्री सें. तक के तापवाले इलाकों में ही पनप सकता है। पौधों के विस्तार के लिए इनकी कलमें काटकर बोई जाती है। ऊँचे पेड़ों के आश्रय से काली मिर्च के पौधे 30 से 45 मीटर तक ऊँचे चढ़ जाते हैं किंतु फलों को सुगमतापूर्वक उतारने के लिए इन्हें साधारण तथा 6-9 मीटर तक ही बढ़ने दिया जाता है।
मिर्च की बुवाई कब करें?
इसे सुनेंरोकेंपरन्तु मिर्च की मुख्य फसल खरीफ (जून-अक्टू.) मे तैयार की जाती है। जिसकी रोपाई जून. -जूलाई मे, शरद ऋतु की फसल की रोपाई सितम्बर-अक्टूबर तथा ग्रीष्म कालीन फसल की रोपाई फर-मार्च में की जाती है।
काली मिर्च और लौंग खाने से क्या फायदा होता है?
इसे सुनेंरोकेंइसे खाते रहने से कभी कैंसर नहीं होता। सर्दी, जुकाम और खांसी में यह लाभदायक है। मांसपेशियों का दर्द भी मिट जाता है। डिस्प्रेशन में भी यह फायदेमंद है और दांतों को सुरक्षित रखने में भी सक्षम है।