जैविक आवर्धन क्या है क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न भिन्न होगा?

जैविक आवर्धन क्या है क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न भिन्न होगा?

इसे सुनेंरोकेंक्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैव आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न- भिन्न होगा? जैविक आवर्धन से अभिप्राय है हानिकारक रसायनों (जैसे DDT) का आहार श्रृंखला में प्रवेश करना और पोषी स्तर के साथ बढ़ते चले जाना। जैविक आवर्धन का स्तर पोषी स्तर के साथ बढ़ता जाएगा। …

जैव आवर्धन का कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैव संचय एक ट्रॉफिक स्तर के भीतर होता है, और भोजन और पर्यावरण से अवशोषण के कारण जीवों के शरीर के कुछ ऊतकों में एक पदार्थ की एकाग्रता में वृद्धि है।

अवतल दर्पण कैसे बनता है?

इसे सुनेंरोकेंअवतल दर्पण द्वार केवल इसी स्थिति में, अर्थात बिम्ब के फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच होने की स्थिति में ही प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे, आभासी तथा सीधा बनाया जाता है। बाकि स्थितियों में प्रतिबिम्ब आभासी, उलटा तथा दर्पण के सामने बनता है।

रेखीय आवर्धन से क्या आशय है बताइए?

इसे सुनेंरोकेंरेखीय आवर्धन की परिभाषा – लेंस व दर्पण से बनी किसी वस्तु के प्रतिबिंब की लंबाई तथा उसी वस्तु की लंबाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं। इसे m से प्रदर्शित करते हैं। अवतल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन, धनात्मक तथा उत्तल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन ऋण ऋणात्मक होता है

क्या पारिस्थितिकी और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंपारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक संसाधन तंत्र होते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता उसमें ऊर्जा की सुलभता पर निर्भर करती है। पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न प्रकार ऊर्जा द्वारा संचालित होते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र है जिसमें पदार्थों तथा ऊर्जा का सतत् निवेश (Input) तथा बहिर्गमन (Output) होता है।

जैव उपचार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैवोपचारण (जीव+उपचार+ण = जीवों द्वारा उपचार) (अंग्रेजी: Bioremediation), की परिभाषा के अनुसार यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें, सूक्ष्मजीवों जैसे जीवाणुओं या उनके एंजाइमों का उपयोग करके किसी संदूषित हो चुके पर्यावरण को पुन: उसकी मूल स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है।

आवर्धन एवं ऋणात्मक मान क्या बताता है?

इसे सुनेंरोकेंयदि आवर्धन का मान धनात्मक है तो प्रतिबिंब सीधा अर्थात काल्पनिक बन रहा है तथा यदि आवर्धन का मान ऋणात्मक है तो प्रतिबिंब उल्टा अर्थात वास्तविक बन रहा है क्योंकि वस्तु को दर्पण के आगे हमेशा सीधा रखा माना जाता है इसलिए वस्तु की ऊँचाई हमेशा धनात्मक होती है और आवर्धन का चिन्ह पूर्णतः प्रतिबिंब की ऊँचाई के चिन्ह पर निर्भर …