पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है?

पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है?

इसे सुनेंरोकेंकानून के हिसाब से माता-पिता की खुद की कमाई संपत्ति पर उनके बेटे का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है। एक बेटे का अपने माता-पिता द्वारा खुद की कमाई गई संपत्ति में हिस्सा पाने का कोई अधिकार नहीं होता है। अगर उसके पिता द्वारा वसीयत में संपत्ति किसी और को दे दी हो या भेंट कर दी हो

क्या वसीयत टूट सकती है?

इसे सुनेंरोकेंअगर एक वसीयत अनुचित प्रभाव के तहत बनाया जाता है तो इसे कानून की दृष्टि से बुरा माना जाता है और अदालत के सामने चुनौती दी जा सकती है। 2. इस तरह के वसीयत को वसीयतकर्ता की स्वतंत्र सहमति से नहीं माना जाता है और इसे अदालत रद्द कर सकती है ।

क्या पैतृक संपत्ति की वसीयत की जा सकती है?

इसे सुनेंरोकेंपैतृक संपत्ति से बाहर क्या होता है? कोई भी शख्स वसीयत लिखने के लिए स्वतंत्र है और वह खुद अर्जित की गई संपत्ति से अपने बेटों या बेटियों को बाहर रख सकता है. साल 2016 में दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि व्यस्क बेटे का अपने माता-पिता द्वारा कमाई हुई संपत्ति पर कोई कानूनी हक नहीं होता है

वसीयत करने में कितना खर्च आता है?

इसे सुनेंरोकेंयदि वसीयत बनवाने और रजिस्टर करवाने के लिए एक योग्य वकील की सेवा ली जाए तो आम तौर पर इसका खर्च 5000 से 8000 रुपये के बीच आता है। हालांकि यह वसीयतकर्ता किस शहर में रहता है और वकील की प्रतिष्ठा जैसे कुछ कारकों पर भी निर्भर करता है

दादा की संपत्ति में पोते का क्या अधिकार है?

इसे सुनेंरोकेंएक पोते का अपने दादाजी की स्व-प्राप्त संपत्ति पर कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। यदि वह संपत्ति उसके पिता को परिवार के विभाजन के समय कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में आवंटित कर दी गयी हो ना की हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत हमवारिस के तौर पर। दादा इस संपत्ति को जिसे चाहे उस उस व्यक्ति को स्थानांतरित कर सकता है

क्या पिता के जीवित होने पर बेटी पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती है?

इसे सुनेंरोकेंपैतृक संपत्ति में बेटी का पूरा हक होता है. इससे उसके शादीशुदा, विधवा या तलाकशुदा होने का कोई लेना देना नहीं है. अगर पिता बेटी को अपनी संपत्ति में हिस्सा नहीं देना चाहता है तो बेटी उसमें हिस्सा नहीं ले सकती. हालांकि अगर पिता की मौत बिना वसीयत लिखे ही हो जाए, तो बेटी उनकी संपत्ति में हिस्सा ले सकती है

वसीयत को कौन चैलेंज कर सकता है?

इसे सुनेंरोकेंनिरसन: परिवार द्वारा दावा: अगर वसीयत में पर्याप्त हिस्सा नहीं मिला है तो परिवार के सदस्य इस बात पर भी दस्तावेज को चुनौती दे सकते हैं। कानून के मुताबिक परिवार का मुखिया ही अन्य सदस्यों की अच्छी तरह देखभाल के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में लिखा है

क्या रजिस्टर्ड वसीयत को चैलेंज किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंटेक्नोलॉजी के हिसाब के कानून बदले | पिताको लगता है कि उसने वसीयत रजिस्टर्ड करवा ली है, उसकी मौत के बाद अच्छे बेटे को हिस्सा मिल जाएगा, लेकिन भारतीय कानून के अनुसार रजिस्टर्ड वसीयत को कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।

क्या पुश्तैनी जमीन की वसीयत की जा सकती है?

इसे सुनेंरोकेंपुश्तैनी जमीन में भी अपनी वसीयत की जा सकती है लेकिन ऐसी वसीयत सिर्फ अपने हिस्से के संबंध में होगी परंतु ऐसी व्यवस्था में प्रकरण के चलने के दौरान कानूनी प्रश्न पैदा हो सकते हैं अच्छा होगा कि संयुक्त प्रॉपर्टी में से अपने हिस्से को अलग करा लिया जाए जिससे प्रॉपर्टी में आप का हिस्सा तय हो जाएगा बिना बटवारा के ही वसीयत करने …

बटवारा कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंभाइयों के बीच संपत्ति बंटवारे अर्थात अगर सरल भाषा में सुनते तो किसी परिवार में अगर 7 भाई है तो उसमे से 4 अगर बटवारा के लिए राजी होगा तो इस आधार पर किया गया बटवारा मान्य होगा

वसीयतनामा कैसे लिखा जाता है?

क्या हैं वसीयत बनाने के पैमाने

  1. जो व्यक्ति स्वस्थ दिमाग का हो और वयस्क हो यानी उसकी आयु 18 साल से अधिक की हो, वह वसीयत स्वयं बना सकता है।
  2. वसीयतनामा लिखने के लिए किसी भी स्टाम्प पेपर की जरूरत नहीं होती।
  3. वसीयतनामा कानूनी और तकनीकी भाषा में हो यह जरूरी नहीं है।

कैसे एक वसीयत लिखने के लिए नमूना?

वसीयत कैसे लिखें

  1. अपनी वसीयत का प्रारुप तैयार करें/लिखें पिछले कदमों को पूरा करते हुए अपनी वसीयत की योजना बना लेने के बाद आप अपनी वसीयत को सरल, सुनिश्चित तथा स्पष्ट भाषा में लिख सकते हैं।
  2. वसीयत पर हस्ताक्षर करें और इस पर साक्षी (साक्षियों) के हस्ताक्षर करवाएं
  3. वसीयत का पंजीकरण
  4. वसीयत दस्तावेज को सुरक्षित रखना