सर्दी में कैसे कपडे पहने चाहिए?

सर्दी में कैसे कपडे पहने चाहिए?

नीचे जानते हैं ऐसी ही 5 टिप्स :

  1. टिप 1: कई लेयर में पहनें कपड़े कई लोगों को लगता है कि केवल मोटे ऊनी कपड़े पहनने से ही ठंड के असर को कम किया जा सकता है।
  2. टिप 2 : सिर को हमेशा ढंककर रखें
  3. टिप 3 : इंसुलेटेड जूते खरीदें
  4. टिप 4 : विंटर सॉक्स ही पहनें
  5. टिप 5: स्लिपिंग के दौरान थर्मोकॉट पहनें

सर्दियों में गहरे रंग के कपड़े क्यों पहने जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपहनें हल्के रंग का कपड़ा क्योंकि हल्के रंग प्रकाश को परावर्तित करते हैं, जिसके चलते गर्माहट कम हो जाती है. ठीक इसके विपरीत, ठंड के मौसम में गहरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए. गहरे रंग के कपड़े ऊष्मा का शोषण कर शरीर को गर्माहट प्रदान करते हैं और इस तरह सर्दी के मौसम में ठंड से राहत मिलती है.

कपड़ा कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशिफॉन: यह सबसे बुनियादी प्रकार के कपड़े, मुलायम बनावट, पारदर्शी द्वारा विशेषता है। Tulle: एक उच्च अंत कपड़े माना जाता है, केवल लक्जरी कपड़े और शादी के कपड़े में इस्तेमाल किया। लाइक्रा: इसकी लचीलापन और गुणवत्ता की विशेषता है, और शरीर को पहनने पर काम करता है, और यह सबसे अधिक व्यापक कपड़ा में से एक है।

सर्दियों में ऊनी वस्त्र हमें गर्म रखते हैं इसका क्या कारण?

इसे सुनेंरोकेंसर्दी का मौसम आते ही हम गर्म या ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं। इसका वैज्ञानिक कारण है कि ऊन ऊष्मा की कुचालक (Heat conductor) है तथा इसके रेशों के बीच बहुत सारी हवा बंद हो जाती है। हवा ऊन से भी अधिक ऊष्मा की कुचालक है। ऊन के वस्त्र और शरीर के बीच में वायु की परत होने के कारण भी शरीर से ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती

जाटों में ऊनी वस्त्र को पहनना क्यों आरामदायक होता है?

इसे सुनेंरोकेंगर्मियों में पसीना अधिक आता है, जिसे सोखने की क्षमता केवल सूती कपड़ों में ही होती है। ऊनी एवं सिंथोटिक कपड़ों में हवा रूक जाती है, जबकि सूती कपड़ों में ऐसा नहीं होता। उसमें व्याप्त महीन छिद्रों में से हवा आती रहती है। इसलिए वे सुविधाजनक लगते हैं।

हमें स्वच्छ वस्त्र क्यों पहनना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंस्वच्छ वस्त्र शरीर की शोभा बढ़ाते हैं एवं उनको पहनने से हमारा मन प्रसन्न रहता है । स्वच्छ वस्त्र त्वचा के रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। इसलिए हमें हमेशा साफ-सुथरे धुले हुए वस्त्र पहनना चाहिए। हमें वस्त्रों की आवश्यकता शरीर को गर्मी, ठंड एवं वर्षा से बचाने के लिए होती है।