2021 में गणेश जी कब बैठेंगे?
इसे सुनेंरोकेंGanesh Chaturthi 2021: भगवान गणेश का महापर्व गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. सभी देवों में प्रथम आराध्य भगवान गणेश की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने का ये पर्व इस साल शुक्रवार, 10 सितंबर 2021 को मनाया जा रहा है
गणेश जी का मंत्र कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।। यह गणेश गायत्री मंत्र है। सच्चे मन से इस मंत्र का जाप हर रोज 108 बार करें। इससे गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। अगर लगातार 11 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो व्यक्ति के पूर्व कर्मों का बुरा फल खत्म हो जाता है
गणेश जी के चूहे की रक्षा के लिए कौन निकल आया?
इसे सुनेंरोकेंगणेश जी ने चूहे को पकड़ने के लिए एक पाश (फंदा) फेंका. इस पाश ने चूहे का पाताल लोक तक पीछा किया और पकड़ कर गणेश जी के सामने ले आया
चौरचन पूजा कब है 2021 date September?
इसे सुनेंरोकेंGanesh Chaturthi 2021 date in Indian calendar, 2021 में गणेश चतुर्थी कब है इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) का पावन पर्व 10 सितंबर 2021 को शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मध्याह्न काल गणेश पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है
गणेश जी की साधना कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंGanpati Sadhna साधना प्रयोग विधि गणेश चतुर्थी अथवा बुधवार के दिन प्रात:काल जल्दी उठें और स्नान एवं दैनिक क्रियाओं से निवृत्त हो लें। स्वच्छ एवं शुद्ध पीले वस्त्र धारण करें। अब किसी शांत कमरे में, पूजा घर में या एकांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। बैठने के लिए कुश या ऊन के आसन का उपयोग करें।
गणेश जी को कैसे प्रसन्न किया जाए?
इसे सुनेंरोकेंगणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा नहीं रखें। शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं
गणेश भगवान के चूहे का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंगणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश का चूहा पूर्व जन्म में एक गंधर्व था जिसका नाम क्रोंच था। एक बार देवराज इंद्र की सभा में गलती से क्रोंच का पैर मुनि वामदेव के ऊपर पड़ गया। मुनि वामदेव को लगा कि क्रोंच ने उनके साथ शरारत की है
गणेश जी का वाहन का नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंगणेश जी ने अपना वाहन मूषक यानी एक चूहे को चुना था. आइए जानते हैं इसकी क्या वजह और महत्व है