वाष्पोत्सर्जन मापी यंत्र कौन सा है?

वाष्पोत्सर्जन मापी यंत्र कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंशेष अधिकांश जल पौधों द्वारा वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकाल जाता है। पौधों में होने वाली यह क्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाती है। वाष्पोत्सर्जन की दर को एक यन्त्र द्वारा मापा जा सकता है। इस यन्त्र को पोटोमीटर कहते हैं।

वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवाष्पोत्सर्जन पौधे के माध्यम से होने वाले पानी के आवागमन और इसके हवाई भागों से वातावरण में होने वाले वाष्पीकरण की प्रक्रिया है। पत्तियों में और युवा कलियों में एपिडर्मल (बाह्यत्वचा) परत में सूक्ष्म रंध्र की तरह की संरचनाएं होतीं है, इसे स्टोमेटा कहा जाता है।

पौधों में वाष्पोत्सर्जन का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंवाष्पोत्सर्जन का महत्व वाष्पोत्सर्जन मिट्टी से पानी के अवशोषण में मदद करता है। अवशोषित पानी जड़ों से पत्तियों तक जाइलम वाहिकाओं के माध्यम से जाता है। वाष्पीकरण के दौरान वाष्पोत्सर्जन पौधे की सतह ठंडी रखने में मदद करता है।

वाष्पोत्सर्जन कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवाष्पोत्सर्जन3 प्रकार का होता है। – वातरंधी्रय, अधिचर्मीय, तथा पर्ण रंध्रीय।

स्टोमेटा के खुलने और बंद होने की क्रिया को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रकाश-संश्लेषण के दौरान पत्तियों में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर गिरता जाता है और शर्करा का स्तर रक्षक कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में बढ़ता जाता है। फलस्वरूप परासरण दाब और स्फीति दाब में परिवर्तन हो जाता है। इससे रक्षक कोशिकाएं ढीली पड़ जाती हैं। इससे स्टोमेटा बंद हो जाता है।

वाष्पोत्सर्जन की क्रिया कहाँ होती है?

इसे सुनेंरोकेंपौधों के वायवीय भागों से जल का वाष्प के रूप में उड़ना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। वास्तव में पत्ती की कोशिकाओं से जल के वाष्पित होने से कर्षण (Pull) उत्पन्न होता है जो जल को दारु (xylem) से खींचता है। इस प्रकार वाष्पोत्सर्जन की क्रिया जड़ से पतियों तक जल के ऊपर की ओर पहुँचने में सहायक है

स्टोमेटा का महत्व कार्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्टोमेटा का मुख्य काम वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर और ऑक्सीजन देकर गैसों का आदान-प्रदान करना है। आक्‍सीजन का इस्तेमाल मनुष्य और जानवरों द्वारा किया जाता है । इससे प्रकाश संश्लेषण और वाष्पोत्सखर्जन में मदद मिलती हैं

वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंवाष्पोत्सर्जन की क्रिया अनेक कारकों (factors) से प्रभावित होती है, इन्हें दो शीर्षको में बांटा जा सकता है- वातावरणीय कारक- वायुमंडलीय आर्द्रता, प्रकाश, तापमान, वायु, प्राप्य मृदा जल (soil water), वायुमंडलीय दाब। संरचनात्मक कारक– पत्ती का क्षेत्रफल (leaf area), मूल-प्ररोह अनुपात (hit ratio), पत्ती की संरचना

रंध्रों की कौन सी क्रिया के लिए स्टार्च का कार्बनिक अम्लों में परिवर्तन होता है *?

इसे सुनेंरोकें1. रंध्रिय वाष्योंत्सर्जन (Stomatal Transpiration) – रन्ध्र मुख्यतया पतियों पर पाए जाते हैं। रन्ध्रों से जलवाष्प विसरण द्वारा वायुमण्डल में चली जाती है। लगभग 90% वाष्पोत्सर्जन रन्ध्रों द्वारा होता है