लोकतंत्र और संविधान में आपस में क्या संबंध है?
इसे सुनेंरोकेंआजादी के बाद जब उन्हें संविधान निर्माण का कार्य सौंपा गया तो इन सब नागरिक अधिकारों को उन्होंने मूल अधिकारों में शामिल किया। उन्होंने कल्पना की थी कि भारत का लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब सभी नागरिकों को समान नागरिक अधिकार प्रदान किए जाए।
संविधान लोकतंत्र क्या है?
इसे सुनेंरोकेंलोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
संविधान और संवैधानिकता के बीच क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंसंविधान और संवैधानिकता के बीच मुख्य अंतर इस तथ्य में निहित है कि संविधान आम तौर पर एक लिखित दस्तावेज है, जो सरकार द्वारा बनाया जाता है (अक्सर नागरिक समाज की भागीदारी के साथ), जबकि संवैधानिकता एक सिद्धांत और शासन की एक प्रणाली है जो संवैधानिक नियमों का सम्मान करती है तथा जो कानून और सरकार की शक्ति को सीमित करता है।
किसी लोकतांत्रिक देश के संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?
इसे सुनेंरोकें(1) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के लिए संविधान का होना अनिवार्य है। (2) संविधान सरकार के शक्ति तथा सत्ता का स्रोत है। (3) संविधान सरकार के द्वारा सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों की व्यवस्था करता है। (4) संविधान सरकार के विभिन्न अंगों के पारस्परिक संबंध निर्धारित करता है।
भीमराव अंबेदकर की दृष्टि में लोकतंत्र के लिए क्या आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: भीमराव अंबेडकर की दृष्टि में लोकतंत्र के लिए आवश्यक पहलुओं को महसूस किया कि भारतीय संविधान में शामिल कानून केवल एक उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन थे, अर्थात इस लक्ष्य को प्राप्त करने के रास्ते में आने वाली चीजें, संस्थाएं और एक गैर-श्रेणीबद्ध समाज की सामाजिक समानता के मूल्य पर जोर देना।
भारतीय संविधान को क्या माना जाता है?
इसे सुनेंरोकेंभारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान का तीसरा काम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसंविधान भाग 3 मौलिक अधिकार यह अधीनस्थ न्यायालयों को प्राप्त नहीं है इस अधिकार के प्रयोग करते हुए ये न्यायालय किसी विधि को संविधान का उल्लघंन करने की सीमा तक अवैध घोषित कर सकते हैं। यह समीक्षण शक्ति विधायिका के साथ ही कार्य-पालिका के विरूद्ध भी प्रयोग की जा सकती है।
भारतीय संविधान कितने होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।