सूरजमुखी की खेती में बढ़ोतरी क्यों हुई है?

सूरजमुखी की खेती में बढ़ोतरी क्यों हुई है?

इसे सुनेंरोकेंइसकी खेती खरीफ, रबी और ज़ायद, तीनों सीजन में होती है, लेकिन ज़ायद सीजन में सूरजमुखी की खेती से अच्छी उपज मिलती है, क्य़ोंकि खरीफ़ सीजन में कई रोग और कीटों के प्रकोप की संभावना रहती है, जिससे फूल छोटे और दाने कम पड़ते हैं. बता दें कि यह फूल सूरज की दिशा में मुड़ जाता है, इसलिए इसको सूरजमुखी कहा जाता है.

सूरजमुखी की बिजाई कब होती है?

इसे सुनेंरोकेंबिजाई का समय 15 जनवरी से 15 फरवरी तक का समय अति उत्तम है। लेकिन बिजाई के समय तापमान कम न हो अन्यथा अंकुरण में समस्या होती है।

सूरजमुखी की खेती कब और कैसे की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंसूरजमुखी की खेती देश में पहली बार साल 1969 में उत्तराखंड के पंतनगर में की गई थी। यह एक ऐसी तिलहनी फसल है, जिस पर प्रकाश का कोई असर नहीं पड़ता, यानी यह फोटोइनसेंसिटिव है। हम इसे खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में उगा सकते हैं। इसके बीजों में 45-50 फीसदी तक तेल पाया जाता है।

सूरजमुखी का क्या बनता है?

इसे सुनेंरोकेंसूरजमुखी एक प्रमुख तिलहन है। सूरजमुखी का तेल सूरजमुखी के बीज से बनता है जिसके गुण अनगिनत हैं। सुरजमुखी का फूल देखने में तो आकर्षक होता है लेकिन इसमें कोई सुवास नहीं होता है। सूरजमुखी के बीज में विटामिन बी1, बी3, बी6, मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन जैसे बहुत सारे पोषक तत्व हैं।

सूरजमुखी फूल का क्या बनता है?

इसे सुनेंरोकेंसूरजमुखी का तेल सूरजमुखी के बीज से बनता है जिसके गुण अनगिनत हैं। सुरजमुखी का फूल देखने में तो आकर्षक होता है लेकिन इसमें कोई सुवास नहीं होता है। सूरजमुखी के बीज में विटामिन बी1, बी3, बी6, मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन जैसे बहुत सारे पोषक तत्व हैं।

सूरजमुखी कैसे लिखते हैं?

  1. सूरजमुखी या ‘सूर्यमुखी’ (वानस्पतिक नाम : हेलियनथस एनस) अमेरिका के देशज वार्षिक पौधे हैं।
  2. यह फूल अमरीका का देशज है पर रूस, अमरीका, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है।
  3. इसके पीले फूल बाग के फूलों में सबसे बड़े होते हैं।

सूरजमुखी के बीज का क्या उपयोग है?

इसे सुनेंरोकेंसूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई पाया जाता है जो त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये एजिंग के निशानों को भी दूर करता है। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट सिलेनियम पाया जाता है जो कि स्किन को ठीक करने में विटामिन ई की मदद करता है। इनमें कॉपर भी होता है जिससे स्किन में मेलानिन का उत्‍पादन अधिक होता है जिससे त्‍वचा में चमक आती है।